उच्चतम न्यायालय ने 2002 के हिट एंड रन मामले में पांच साल की सजा के खिलाफ सिनेअभिनेता सलमान खान की अपील को बंबई उच्च न्यायालय के बाहर स्थानांतरित करने के लिये दायर याचिका आज खारिज कर दी।
प्रधान न्यायाधीश एच एल दत्तू की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने याचिका खारिज करते हुये कहा, ‘‘हमें खेद है।’’ यह मामला स्थानांतरित करने के लिये सुशीला बाई एच आर पाटिल ने वकील एम एल शर्मा के माध्यम से याचिका दायर की थी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि राज्य एजेन्सियां इस अभिनेता के पीछे खड़ी हैं।
याचिका में यह भी कहा गया था कि शिकायतकर्ता मुंबई पुलिस का सिपाही रवीन्द्र हिम्मतराव पाटिल सलमान खान के साथ उनके वाहन की अगली सीट पर बैठा था और उसे आरोपी के इशारे पर बुरी तरह परेशान किया गया था।
याचिका के अनुसार राज्य मशीनरी, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी किसी न किसी तरह आरोपी व्यक्ति :खान: के पक्ष में अभियोजन का मामला ध्वस्त करने के लिये खान के पीछे खड़े हैं। याचिका में कहा गया है कि यदि शासन खुद ही आरोपी और उसके अपराध का समर्थन करके साक्ष्य मिटाने में भूमिका निभाते हैं तो किसी भी स्थिति में न्याय संभव नहीं है।
याचिका में यह भी दावा किया गया था कि यदि इस मामले को सरकार के भरोसे छोड़ दिया गया तो सारे सबूत ही नष्ट हो जायेंगे।
मुंबई की एक अदालत ने छह मई को इस अभिनेता को दोषी ठहराते हुये पांच साल की कैद की सजा सुनायी थी। लेकिन यह अभिनेता जेल जाने से बच गया क्योंकि बंबई उच्च न्यायालय ने उसे आठ मई तक के लिये अंतरिम जमानत दे दी थी। इसके बाद आठ मई को उच्च न्यायालय ने उसकी सजा निलंबित करते हुये उसे अपील लंबित होने के दौरान जमानत प्रदान कर दी थी।
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