स्त्री जातक :- अनुराधा नक्षत्र में पैदा हुई स्त्री जातकों के चेहरे पर मासूमियत ऩजर आती है। कुरूप चेहरे वाली स्त्री भी अपनी सुन्दर कमर के कारण आकर्षक ऩजर आती है। अनुराधा नक्षत्र में उत्पन्न स्त्री अपने चेहरे, लम्बे बाल तथा सुन्दर कमर के कारण विपरीत सेक्स को अपनी तरफ आकर्षित करने की ताकत रखती है। इनके जीवन में घमण्ड या गर्व का कोई स्थान नहीं होता। ये साफ दिल की होती हैं। इनका जीवन साधारण तरीके का होता है तथा फैशनपरस्ती में इनका यकीन नहीं होता। इनका व्यक्तित्व निःस्वार्थ तथा सामंजस्यपूर्ण होता है। अतः ये सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में काफी सफल रह सकती हैं। ये बुजुर्गों का सम्मान करती हैं तथा अपने मित्र वर्ग में नेता के रूप में दिखाई देती हैं।
इनकी संगीत तथा ललित कलाओं में अधिक रुचि होती है। संगीत व नृत्य में इन्हें अकादमिक स्तर की उपाधि तक प्राप्त होती है। पेशेवर नृत्यांगनाएँ अधिकतर इसी नक्षत्र में उत्पन्न हुई हैं। ये अपने पति के प्रति निष्ठावान तथा धार्मिक आदर्शों को मानने वाली होती हैं तथा ससुराल के प्रति निष्ठा इनके निजी जीवन को और भी उज्जवल बनाती है। बहुत कम मामलों में इस नक्षत्र की जातक ाूर होती है।
स्वास्थ्य के मामले में ये सिरदर्द, नजला, जुकाम, अपच, गले में छाले पड़ना, हड्डी कमजोर होना तथा मासिक धर्म संबंधी समस्याओं से पीड़ित रहती हैैैैैैं। उनका मासिक चा प्रायः अनियमित रहता है। स्राव के दौरान दूषित रक्त के रुक जाने के कारण ये तेज दर्द से परेशान रहती हैं। कुछ मामलों में काफी गंभीर स्थिति होती है। कुल मिलाकर, अनुराधा नक्षत्र में उत्पन्न स्त्री जातक को गुण-दोषों के आधार पर उत्तम ही माना जाता है।
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