मैंने कई बार
कोशिश की है
तुम से दूर जाने की,
लेकिन
मीलों चलने के बाद
जब मुड़ कर देखता हूँ
तो तुम्हें उतना ही करीब पाता
हूँ।
तुम्हारे इर्द-गिर्द
वृत्त की
परिधि बन कर रह गया
हूँ मैं।
– अनूप भार्गव
मैंने कई बार
कोशिश की है
तुम से दूर जाने की,
लेकिन
मीलों चलने के बाद
जब मुड़ कर देखता हूँ
तो तुम्हें उतना ही करीब पाता
हूँ।
तुम्हारे इर्द-गिर्द
वृत्त की
परिधि बन कर रह गया
हूँ मैं।
– अनूप भार्गव
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