हेरोडोट्स को इतिहासकारों का पितामह कहा जाता है। हेरोडोट्स का जन्म एशिया माइनर (टर्की का एशियाई हिस्सा) के हैलीकारनासस इलाके में हुआ था। कुछ लोगों के बारे में हम कह सकते हैं कि उन्होंने इतिहास को आकार दिया। लेकिन हेरोडोट्स के बारे में हमें कहना होगा कि उसने इस आकार को, इस मापदंड को जन्म दिया। उसने इतिहास को दर्ज करने और इतिहास में मील के पत्थरों को विकसित करने के साधन और रास्ते खोजे।
हेरोडोट्स ने यूनान और फारस के बीच हुए महान युद्घों का विस्तृत ब्योरा इकट्ठा किया, या कहें, उसने यूनान और फारस के बीच हुए युद्घों पर विस्तार से लिखा। उसने इन युद्घों के पीछे के कारणों, युद्घों की प्रकृति, युद्घों से हुई क्षति आदि का विस्तार से वर्णन किया। यह पहला विश्र्वसनीय इतिहास लेखन था। आज घटनाओं को रिकॉर्ड करने के लिए बहुत तरह के संसाधन मौजूद हैं जबकि उस जमाने में कोई भी साधन नहीं था। यही नहीं, आज घटनाओं को रिकॉर्ड करने का काम कोई और करता है जबकि हेरोडोट्स वह पहला शख्स था, जिसने ऐतिहासिक तथ्यों व घटनाओं के अंतर्सम्बंधों का अध्ययन खुद ही किया था। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हेरोडोट्स ने इन युद्घों का ऐतिहासिक विवरण दर्ज करने के लिए कितनी मेहनत की होगी।
हेरोडोट्स ने लगभग समूचे प्राचीन विश्र्व का चक्कर लगाया था। उसने ह़जारों लोगों से बातचीत की, उनका इंटरव्यू किया और इस तरह बूंद-बूंद से इकट्ठा जानकारियों व तथ्यों का समुद्र निर्मित किया। इसके लिए हेरोडोट्स ने विदेशी सभ्यताओं का अध्ययन किया, विदेशी भाषाएं सीखीं, विदेशी खानपान, मूल्य, विश्र्वास और जीवन की विभिन्न गतिविधियों को सीखा-जाना और उन सबको बड़ी ही सजगता, विश्र्वसनीयता और वफादारी से दर्ज किया। हेरोडोट्स की ऐतिहासिक कहानियों को पश्र्चिमी दुनिया का इतिहास-लेखन के सम्बंध में किया गया पहला काम कहा जा सकता है जो व्यवस्थित एवं साक्ष्यपरक है। यह इतिहास ईसापूर्व 440 में लिखा गया, फारस के साम्राज्य और यूनान के नगर राज्यों के बीच युद्घों की कहानी है।
– हेरोडोट्स
You must be logged in to post a comment Login