एम्सटर्डम नीदरलैंड की राजधानी और यहां का सबसे बड़ा शहर है। एम्सटेल नदी इसके बीचोंबीच से होकर बहती है, जो शहर को दो हिस्सों में बांटती है। एम्सटेल नदी के कारण ही इस शहर का नाम एम्सटर्डम पड़ा। एम्सटर्डम नीदरलैंड का सबसे बड़ा व्यापारिक और औद्योगिक उत्पादक शहर होने के साथ-साथ यहां की बैंकिंग व्यवस्था का भी केन्द्र है। एम्सटेल नदी इसे दो हिस्सों में बांटती है- एक हिस्सा डैम स्क्वायर या ऊपरी हिस्सा कहलाता है और दूसरा सेंटल स्क्वायर है।
एम्सटर्डम इतिहास और संस्कृति के मामले में बहुत ही समृद्घ शहर है। पूरे शहर में नहरों के बिछे जाल को देखकर इसे लोग उत्तर का वेनिस भी कहते हैं। एम्सटर्डम दुनिया भर के सैलानियों को बहुत आकर्षित करता है। सैलानियों के यहां आकर्षित होने की बहुत वजहें हैं। दुनिया के सबसे पुराने और महान आर्ट म्यु़िजयम एम्सटर्डम में ही हैं। इन्हें बहुत ही शानदार और सुरक्षित तरीके से रखा गया है। हालांकि यूरोप के कई दूसरे शहरों की तरह एम्सटर्डम भी काफी भीड़भाड़ वाला शहर है। लेकिन 700 साल से भी ज्यादा पुराने इस शहर में एक शानदार और सधी हुई व्यवस्था है, जिस कारण यह शहर कहीं पर भी अस्त-व्यस्त नजर नहीं आता।
शहर के ये कला संग्रहालय और शताब्दियों पुरानी नहरें सैलानियों का मन मोह लेती हैं। पुरानी शैली के घर, आ़जाद ख्याल माहौल और खाने-पीने की समृद्घ परंपरा, ये सब बातें इस शहर को खास बनाती हैं। लेकिन एम्सटर्डम नीदरलैंड की नाम मात्र की ही राजधानी है, क्योंकि सरकार का मुख्यालय यहां नहीं है, बल्कि हेग में है। राजसी परिवार भी हेग में ही रहता है। एम्सटर्डम के डैम स्क्वायर में बने राजमहल में राजा वर्ष में कभी-कभार ही रहता है।
एम्सटर्डम यूरोप के दूसरे ऐतिहासिक शहरों के मुकाबले इस लिहाज से थोड़ा अलग है। यहां बड़े-बड़े ऐतिहासिक स्थापत्य वाले स्मारक नहीं हैं और हां, बहुत चौड़े-चौड़े चौक भी नहीं हैं, (स्क्वायर) जो यूरोपीय शहरी संस्कृति का खास हिस्सा होते हैं। एम्सटर्डम के माहौल में पश्र्चिमी रंगत भी जरा कम ही दिखती है। लगता है, डच लोग अपने सुनहरे अतीत में ही मग्न रहते हैं। यही वजह है कि आज भी इस शहर में पूरी तरह से पुरानी शैली के ईंट के मकानों, गिरजाघरों, पुराने फैशन की संगीत धुनों का ही जलवा दिखता है। इसीलिए इसको कुछ लोग यूरोप का वह शहर कहते हैं, जहां के लोग हमेशा रोमांटिक मूड में रहते हैं।
एम्सटर्डम का आंतरिक हिस्सा 90 नहरों से विभाजित है। एम्सटर्डम नगरपालिका ने पूरे शहर में 1300 से ज्यादा पुल बनाये हैं। हालांकि शहर में आधुनिक मेटो सिस्टम भी मौजूद है, लेकिन शहर की कुल आबादी के लगभग 20 फीसदी लोग साइकिलों से ही सफर करना पसंद करते हैं। एम्सटर्डम एक और बात के लिए पिछले कुछ दशकों से विश्र्वविख्यात हो गया है। यहां असंख्य चाइनी़ज और इंडोनेशियाई रेस्तरां खुल गये हैं। ये ज्यादातर रेस्तरां नहरों में खड़ी हाउसबोट्स में हैं। एम्सटर्डम की आबादी 10 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है। यह एक सपाट बसा शहर है। नहरों के जरिए यह नॉर्थ सी से जुड़ा हुआ है। एम्सटेल नदी दक्षिण से उत्तर की ओर बहती है। शहर का कुछ हिस्सा समुद्र तल से नीचे है, जो कि समुद्र को सुखाकर (रिक्लेम्ड) बसाया गया है।
एम्सटर्डम में बड़े पैमाने पर विदेशी टूरिस्ट आते हैं। ये सब महज घूमने-फिरने के इरादे से ही नहीं आते हैं, बल्कि यह वैश्र्विक अर्थव्यवस्था का एक बड़ा और गतिशील केन्द्र है, इसलिए बड़े पैमाने पर यहां कारोबारी टूरिस्ट भी आते हैं। एम्सटर्डम में सेमिनारों, कॉन्फ्रेंसे़ज और उच्च स्तरीय कॉनक्लेव का टूऱिज्म विकसित हुआ है। यहां हमेशा दर्जनों विश्र्वस्तरीय सेमिनार चलते ही रहते हैं। जैसा कि पहले ही कहा जा चुका है कि एम्सटर्डम यूरोपीय कला-संस्कृति का खजाना है। यही वजह है कि एम्सटर्डम के पास उन सैलानियों को देने के लिए बहुत कुछ है जो कला, खासतौर पर मध्य और प्राचीन युग की कला के दीवाने हैं। एम्सटर्डम में 40 संग्रहालय हैं। हर संग्रहालय कला का एक नायाब खजाना है। हर साल पूरी दुनिया से 40 लाख से ज्यादा लोग इन संग्रहालयों को देखने आते हैं। एम्सटर्डम का स्टेट म्यु़िजयम 17वीं शताब्दी की महान डच कलाओं के संग्रह के लिए जाना जाता है, जबकि म्युनिसिपल म्युजियम आधुनिक कला का सबसे बड़ा अंतर्राष्टीय खजाना माना जाता है। यहां का वैन गॉग म्युजियम पूरी तरह से विसेंट वैन गॉग के काम को समर्पित है। इसमें कुछ दीर्घाएं उनके समकालीन कलाकारों के काम के लिए आरक्षित हैं। अन्य महत्वपूर्ण संग्रहालयों में एनेफ्रैंक हाउस, द एम्सटर्डम हिस्टोरिकल म्युजियम, द डच मैरीटाइम म्युजियम और रेमब्रानड्ट हाउस हैं।
इस शहर में अंतर्राष्टीय सैलानियों को आकर्षित करने के लिए 200 से ज्यादा लाइव परफॉर्मेंस साइट्स हैं जिनमें कंसर्टबो भी शामिल है, जो विश्र्व प्रसिद्घ राजसी कंसर्टबो आर्केस्टा और “मू़जेकथियेटर’ का घर है। यहां नेशनल बैले ओपेरा कंपनी परफॉर्म करती है। एम्सटर्डम कला और संस्कृति के साथ-साथ शिक्षण का भी केन्द्र है। यहां दो विश्र्व प्रसिद्घ विश्र्वविद्यालय हैं-यूनिवर्सिटी ऑफ एम्सटर्डम, जिसकी स्थापना सन् 1632 में हुई थी और फ्री यूनिवर्सिटी, जिसकी नींव सन् 1880 में पड़ी थी। इसके अलावा दर्जनों अकादमियां और कंजर्वेटरी़ज हैं। एम्सटर्डम में प्राचीन स्थापत्य को शानदार ढंग से संजोकर रखा गया है। खासतौर पर नहरों के किनारे बने महलनुमा घरों को, जो नीदरलैंड के समृद्घ और सुनहरे अतीत की गाथा बखान करते हैं।
शहर में हालांकि ऐतिहासिक स्मारक कम हैं, लेकिन जो हैं वह अद्वितीय हैं जैसे रॉयल पैलेस एक अद्भुत ऐतिहासिक स्मारक है। यहां 100 से ज्यादा आर्ट गैलरियां हैं और दुनिया में सबसे बड़े कला के नीलाम घर भी यहीं स्थित हैं। एम्सटर्डम शायद इस मामले में अजूबा शहर है कि कला यहां की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ी भूमिका निभाती है। हजारों-हजार लोग कला संबंधी विभिन्न व्यवसायों से जुड़े हैं, जो हर साल एक अरब डॉलर से ज्यादा राजस्व पैदा करते हैं। एम्सटर्डम में खेल-कूद के लिए भी बहुत अनुकूल माहौल है। शहर भर में 40 शानदार स्पोट्र्स पार्क हैं और तकरीबन हर स्पोट्र्स का अपना एक क्लब है। शहर में 250 से ज्यादा ओपेन एयर टेनिस कोर्ट हैं, जो इस भीड़भाड़ वाले शहर को दुनिया के दूसरे शहरों के बीच खास बनाता है। फुटबॉल का जुनून यूरोप के दूसरे शहरों की तरह यहां भी लोगों के सिर चढ़कर बोलता है। चूंकि एम्सटर्डम ओलंपिक शहर रह चुका है, इसलिए यहां बड़े-बड़े स्टेडियमों की भी भरमार है। यहां दर्जनों विश्र्वप्रसिद्घ स्टेडियम हैं। कुल मिलाकर एम्सटर्डम में दर्जनों ऐसी चीजें हैं, जो इसे खास बनाती हैं।
– पी.के. सिंह
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