फिर आ गया ख्याल तेरा ओल्ड एज में
वापिस हुआ शबाब मेरा ओल्ज एज में
अपनी गुज़र रही है बड़ी एहतियात से
तुम भी संभल के रहना ज़रा ओल्ज एज में
जो हाई जम्प करते थे अहदे शबाब में
करते नहीं हैं चूँ व चरा ओल्ज एज में
दीवारें थाम-थाम के चलते हैं अब मगर
लब पर है फिर भी माहलु़का ओल्ड एज में
थे चोंचले वो हुस्न के सब यंग एज के
अब क्या गुरूर कैसी अदा ओल्ज एज में
ये ज़ेवरात और ये मेकअप फुज़ूल है
क्यों दे रही हो खुद को सज़ा ओल्ड एज में
तकता था, जिसका रास्ता मैं राउंड दी क्लाक
उसकी गली को भूल गया ओल्ड एज में
– मुस्तफा अली बेग
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