कर दो हमारा दुःख दूर, हो बाघम्बर वाले।
अजी हो बाघम्बर वाले,अजी हो पिताम्बर वाले।
कर दो भक्तों का दुःख दूर हो बाघम्बर वाले॥
नन्दी पे शिवजी की निकले सवारी।
हाथों में लिये त्रिशूल॥ टेर ॥ 1 ॥
कोई चढावे शिव के, जल की हो धारा।
भक्त चढावे, कच्छा दूध॥ 2 ॥
हरी हरी बेलपत्री, चन्दन चाँवल देवा।
गुलाल उडत भरपूर॥ 3 ॥
आक् धतूरा शिव के भोग लगत है।
विज्या पिवत भरपूर॥ 4 ॥
दास नारायण देवा, शरण आपकी।
अरज करोनी मंजूर॥ 5 ॥
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