कांग्रेस में नेताओं की खोज

युवा सांसद एवं कांग्रेस पार्टी के महासचिव राहुल गांधी ने व्यवस्था की है कि युवक कांग्रेस की सदस्यता लेने के लिए अब कांग्रेस के किसी भी कार्यालय में जाने की ़जरूरत नहीं पड़ेगी। देश में कहीं भी कोई भी युवा, सदस्य बनने के लिए इंटरनेट पर सदस्यता ग्रहण कर सकता है। इंटरनेट पर सदस्यता फार्म मौजूद है।

राहुल गांधी ने पहली बार प्रयोग के तौर पर 6 माह पूर्व यह योजना शुरू की थी, लेकिन अब इसमें संशोधन का काम चल रहा है। अगले माह यह संशोधित पायलट योजना प्रयोग के तौर पर 4 राज्यों में लागू हो जाएगी। पार्टी में आमूलचूल परिवर्तन करनेे की यह कवायद लंबी सोच का एक हिस्सा है, जिससे आने वाले समय में पार्टी स्तर पर कई बड़े परिवर्तन हो सकते हैं।

इस कार्य में राजीव गांधी के विश्र्वसनीय एवं आईटी विशेषता हासिल करने वाले सैम पित्रोदा का पूरा मार्गदर्शन मिल रहा है। इंटरनेट के जरिए सदस्य बनाने का काम पहली बार युवक कांग्रेस में शुरू किया गया है। इस योजना के तहत औसतन एक हजार सदस्य प्रतिमाह बनाए जा रहे हैं। युवक कांग्रेस का सदस्य कोई भी व्यक्ति बन सकता है, जिसका कोई अपराधिक रिकॉर्ड न हो। रायसीमा रोड स्थित युवक कांग्रेस कार्यालय में सदस्यता के लिए कंटोल रूम बनाया गया है। जो भी आवेदन आते हैं उनको संबंधित जगह के जिला युवक कांग्रेस कार्यालय में भेज दिया जाता है।

वहॉं पर मामूली जॉंच के बाद संबंधित युवक को सदस्य बनाने के बाद इसकी सूचना कंटोल रूप में दे दी जाती है।

युवक कांग्रेस में किस पृष्ठभूमि के लोग ज्यादा जुड़ रहे हैं। इसका भी ब्यौरा तैयार किया जा रहा है। क्योंकि राहुल गांधी चाहते हैं कि युवक कांग्रेस में हर क्षेत्र के युवाओं की भागीदारी बढ़े। इस योजना के संबंध में युवक कांग्रेस महासचिव माणिक टैगोर का कहना है कि अभी तक इस योजना के बारे में आम युवाओं को पता नहीं है इसलिए कम सदस्य बन पा रहे हैं, लेकिन संशोधन के बाद इसे बड़े पैमाने पर लागू करने की योजना है।

यह योजना युवक कांग्रेस को हाईटेक बनाने के साथ-साथ राहुल गांधी के सपनों की कांग्रेस बनाने के लिए भी शुरू की गई है। आने वाली 5 सालों के बाद कांग्रेस में किस तरह के परिवर्तन होने वाले हैं, युवक कांग्रेस में हो रहे प्रयोगों से इसका सहजता से अनुमान लगाया जा सकता है। आने वाले दिनों में ांटल संगठनों के साथ कांग्रेस को भी आधुनिक तकनीक से लैस किया जाएगा, जिससे मध्यस्थता करने वाले कांग्रेसियों को बीच से हटा कर पार्टी में पारदर्शिता लाई जा सके। इस योजना के इस्तेमाल से पार्टी में सिंगल विंडो सिस्टम लागू हो जाएगा और काफी हद तक गुटबाजी पर लगाम लगाई जा सकेगी। राहुल गांधी के करीबी लोगों का कहना है कि पार्टी आज फर्जी सदस्यता की समस्या से जूझ रही है। लंबे समय से आर्थिक रूप से मजबूत लोगों द्वारा फर्जी सदस्य बनाकर पार्टी में मजबूत पकड़ रखने का काम चल रहा है, जिसके कारण पार्टी लगातार कम़जोर होती गई। राहुल गांधी के विश्र्वसनीय लोगों का कहना है कि जिन प्रदेशों में पार्टी तीसरे-चौथे नम्बर पर खिसक गई है, वहॉं पर काफी समय से फर्जी सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन इस ओर जब से कांग्रेस नेतृत्व ने ध्यान देना शुरू किया है तब से पार्टी दोबारा मजबूत हो रही है।

राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के लिये युवा नेता खोजने के अभियान में भी जुट गए हैं। इस अभियान के तहत नेता बनने की शर्त यह रखी गई है कि आपको सोनिया, राहुल गांधी के जन्मदिन याद हों या न हों चलेगा, लेकिन आपको ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना व किसानों की ऋण माफी और सूचना का अधिकार जैसी योजनाओं व कानूनों की जानकारी रखनी होगी। अगर इन सब मामलों से जुड़ी आपके पास दृष्टि है और कांग्रेस पार्टी की समस्याओं को दूर करने के साथ-साथ उसे जन-जन तक पहुँचाने का जज्बा है तो आप राहुल के “नेता खोजो अभियान’ में सफलता हासिल कर बेहतर जिम्मेदार नेता बन सकते हैं।

राहुल गांधी को अपने रोड शो के दौरान मीडिया समेत प्रत्येक तबके में चर्चा व महत्व तो बहुत मिला, लेकिन उसके परिणाम क्या रहे? इसके विश्र्लेषण तथा उत्तरप्रदेश, गुजरात, हिमाचल और कर्नाटक के परिणामों के प्रकाश में कांग्रेस ने युवा नेताओं को खोजने का अभियान चलाया है।

नेता खोजो अभियान यानी कांग्रेस का “टैलेंट हंट’ कार्याम पिछले दिनों उड़ीसा में चला। हंट कार्याम में उड़ीसा में कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय पर 600 से अधिक (35 वर्ष की आयु वर्ग के) महिला-पुरुष अपना बायोडाटा लेकर पहुँचे थे, जिसमें से करीब 200 लोगों (महिला-पुरुष) को साक्षात्कार के लिये बुलाया गया। साक्षात्कार में उड़ीसा के जाजपुर जिले की मौसमी अलीबसंत से जब यह बताने को कहा गया कि राहुल गांधी के मार्च और मई माह के दौरान हुए दौरों में क्या गलती रही? मौसमी ने इसके लिए प्रदेश के कमजोर नेतृत्व को दोषी ठहराया और बताया कि कार्यकर्ताओं को दौरे की पूरी जानकारी नहीं दी गई।

मौसमी का साक्षात्कार लेने वालों में अन्य नेताओं के अलावा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव जीतेन्द्र सिंह भी मौजूद थे। मौसमी से अन्त में सोनिया गांधी और राहुल गांधी का जन्मदिन बताने के लिये कहा गया। इसका जवाब वह नहीं दे पाई तो भी उसको पार्टी में काम करने की मंजूरी दे दी गई, यानी नेता बना दिया गया। वहीं जगतसिंह पुर के एस. के. बेहार ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के बारे में कोई जानकारी नहीं दे पाए। इस आधार पर उन्हें पार्टी में जगह नहीं मिली।

यानी कांग्रेस में नेता बनने के लिए अब “चाटुकार’ नहीं “जानकार’ चाहिएं, जिन्हें अपनी पार्टी की रीति-नीति के अलावा उसके द्वारा चलाई जा रहीं सर्वहित की योजनाओं व कानूनों की भी जानकारी होनी चाहिए।

 

– राजेन्द्र श्रीवास्तव

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