दोस्तों, कई सर्कसों में दिखाया जाता है कि प्रशिक्षित की गयी सील या घोड़ा गणित के सवालों पर हॉर्न बजाकर या पैर पटककर सही उत्तर का संकेत दे देते हैं। तो क्या वास्तव में जानवर भी गिनती गिन सकते हैं?
सच्चाई यह है कि जानवर वास्तव में गिन नहीं रहे होतेे। होता यह है कि सील तथा घोड़ा अपने टेनर से इशारा पाते हैं-जो हाथ, होठों या आँखों का हिलना हो सकता है- और वह इशारा उन्हें बताता है कि कब हॉर्न बजाना है या पैर पटकना है।
लेकिन बहुत से जानवर बड़ी मात्रा व कम मात्रा में फर्क तो कर ही सकते हैं, यह बात सही है। मसलन, बहुत से जानवर भोजन के पांच परत वाले ढेर की जगह छह परत वाले ढेर को चुन सकते हैं। जिन बच्चों ने अभी गिनती करना नहीं सीखा है, वह भी ऐसा कर सकते हैं। लेकिन क्वांटिटी में फर्क को नोटिस करना और गिनना- दो अलग बातें हैं।
प्रश्न ये है कि क्या यह बात सभी जानवरों पर लागू होती है?
वैज्ञानिकों का अब मानना है कि कुछ पक्षी और जानवर वास्तव में गिन सकते हैं। एक प्रयोग में एक कबूतर को एक बार में एक दाना दिया गया। सभी दाने खाने लायक थे, लेकिन सातवां दाना हमेशा डिश से चिपका रहता था। कुछ समय बाद कबूतर छह दाने तक गिनना सीख गया और जब उसे सातवां दाना दिया जाता था, तो वह उस पर अपनी चोंच मारने से इनकार कर देता था। यह वास्तव में गिनना था। ऐसा ही प्रयोग एक चिम्पांजी पर किया गया। चिम्पांजी को एक, दो, तीन, चार या पांच स्टा उठाकर सौंपना सिखाया गया। उससे जब भी जितने स्टा मांगे जाते थे, वह उतने ही उठाकर देता था। लेकिन चिम्पांजी इतने तक ही गिन सकता था। पांच से ऊपर वह हमेशा गलती कर बैठता था।
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