“ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोट्र्स मेडिसिन’ में एक रिपोर्ट पढ़ने को मिली। इस रिपोर्ट ने सब को सचेत कर दिया। लंदन में इस रिपोर्ट पर बहस छिड़ गई थी। हेपेटाइटिस “बी’ पहले से ही लोगों में आतंक फैला रहा था। जब यह पता चला कि यह पसीने से एक से दूसरे शरीर तक पहुंच सकता है तो चिंता और बढ़ गई। कबड्डी, कुश्ती भारत के गांवों में बहुत खेले जाते हैं। बॉक्ंिसग को भी विश्र्व के अनेक खेल-प्रेमियों ने अपना रखा है। इन खेलों के दौरान पसीने के माध्यम से इस रोग के फैलने की आशंका अधिक हो गई है। यह इन खेलों के खिलाड़ियों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।
शोधकर्ता अपने लेख में लिखते हैं- हेपेटाइटिस “बी’ के वायरस लीवर को जिंदगी भर के लिए रोगग्रस्त बना सकते हैं। इससे होने वाली बीमारियों में लीवर कैंसर, लीवर नष्ट होने के साथ मृत्यु का भय भी बना रहता है।
शोधकर्ताओं ने ओलम्पिक कुश्ती में खेलने वाले 18 से 30 वर्ष के 70 पुरुषों पर एक सर्वेक्षण सम्पन्न किया। सर्वे में हेपेटाइटिस “बी’ के संामण या एस.बी.वी. के विषय में जांच-परख की जानी थी। इन खिलाड़ियों से चोट या किसी प्रकार के संामण के विषय में भी पूछा गया। उत्तर में 33 प्रतिशत खिलाड़ियों ने माना कि प्रशिक्षण के दौरान उन्हें ब्लीडिंग आदि की समस्या होती है। शोधकर्ताओं ने इन सत्तर खिलाड़ियों में से किसी खिलाड़ी में हेपेटाइटिस “बी’ के लक्षण नहीं पाए, यह एक सुखद बात जरूर थी।
शोधकर्ताओं ने कहा, “”पसीने अथवा खुले घावों के माध्यम से हेपेटाइटिस “बी’ के वायरस का संामण हो सकता है।” डॉक्टरों का सुझाव है कि पसीने के संामण की स्थिति से हर अवस्था में बचने का प्रयास करें।
– सुदर्शन भाटिया
You must be logged in to post a comment Login