कश्मीर घाटी में एक बार फिर हिंसा भड़क उठी है। जो खबरें आ रही हैं, उनके अनुसार यही लगता है कि यह सब राजनीतिक पार्टियों की कारस्तानी है ताकि अमरनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक तंग किया जा सके।
वजह चाहे जो भी हो, यह हमारी केन्द्र एवं राज्य सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह श्रद्धालुओं की यात्रा को निर्विघ्न संपन्न कराये। एक तो वैसे भी पहाड़ों की कठिन चढ़ाई होती है, ऊपर से मौसम की मार। यह भोले बाबा के भक्तों की अपार श्रद्धा ही होती है कि वह इन सब विषमताओं को झेलते हुए अपने इष्टदेव तक पहुँच जाता है।
बड़े दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि इस बारे में हमारी सरकारें पंगु हो गई हैं। वह ना तो विरोधियों पर नियंत्रण रख पा रही हैं और ना ही शासन व्यवस्था संभाल पा रही हैं। यह स्थानीय राज्य सरकार की भी असफलता का द्योतक है। कश्मीर के मुख्यमंत्री गुलाम नबी आज़ाद और केन्द्र सरकार से हमारा अनुरोध है कि वह जितनी जल्दी हो सके, कश्मीर घाटी में अमन-चैन बहाल करें ताकि अमरनाथ यात्रियों की यात्रा शांतिपूर्वक संपन्न हो सके।
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