घातक है प्रकृति से छेड़छाड़ करना

मनुष्य के लिए प्राकृतिक सम्पदा एक खूबसूरत वरदान है। जल, वायु, पेड़-पौधे, जंगल सम्पूर्ण जीवन को प्रभावित करते हैं। मगर आज मानव अपनी गतिविधियों के कारण पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा है। जंगल काटे जा रहे हैं। प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करने से भूकंप जैसी त्रासदी का भी सामना करना पड़ता है। बड़े-बड़े उद्योगों की वृद्घि से कारखानों की चिमनियों से, मोटर वाहनों से और धूम्रपान से हमारा पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। इन सबके अलावा हम अपने घरों की सफाई करके कूड़ा-करकट घर के बाहर फेंक देते हैं। अगर हर नागरिक अपने घर के साथ-साथ अपने आसपास की भी सफाई रखे तो कितना अच्छा हो? सार्वजनिक स्थलों को गन्दा करना हम अपना अधिकार समझते हैं। सरकार के साथ-साथ हर नागरिक का कर्तव्य बनता है कि वह अपने इर्दगिर्द सफाई रखे तभी पर्यावरण को दूषित होने से बचाया जा सकता है। प्रकृति से छेड़छाड़ घातक है।

– सोनी अग्रवाल

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