शहर के 90 वर्ष पुराने उस्मानिया सदर अस्पताल के पुन:निर्माण के अपनी सरकार के फैसले का बचाव करते हुए तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री महमूद अली ने ऐतिहासिक ‘चारमीनार’ के जीर्ण-शीर्ण होने पर उसे भी गिरा देने संबंधी बयान देकर विवादों में घिर गए हैं।
विपक्ष उस्मानिया सदर अस्पताल के पुन:निर्माण के कदम का विरोध कर रहा है। उसका कहना है कि वे इस विरासत भवन को गिराने नहीं देंगे।
अली ने कल कहा था, ‘‘हम 10-15 मंजिला अस्पताल बनाएंगे.. और वह वर्तमान के मुकाबले 10 गुना ज्यादा मरीजों को सेवा मुहैया करा सकेगा। इसका नाम वही रहेगा.. जब भवन कमजोर हो जाता है, यदि चारमीनार कमजोर हो जाए, 200, 400 या 500 साल में, तो उसे भी गिराना पड़ेगा। यदि एक भवन कमजोर हो जाए, तो वह कभी भी गिर सकता है और लोगों की जान ले सकता है।’’ अपनी टिप्पणी पर स्पष्टीकरण देते हुए अली ने आज कहा कि उन्होंने ‘चारमीनार’ का सिर्फ सामान्य हवाला दिया ताकि वह उस्मानिया सदर अस्पताल के पुन:निर्माण की अपनी दलील पेश कर सकें। अस्पताल का भवन काफी कमजोर हो चुका है।
पुराने हैदराबाद में स्थित ‘चारमीनार’ 16वीं सदी में बना स्मारक और प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है ।
विवाद के संबंध में पूछने पर, उपमुख्यमंत्री ने आज कहा, ‘‘चारमीनार हमारी पहचान है। हम इसे मजबूत बनाने का प्रयास करेंगे। मैं एक सामान्य बात कर रहा था, 1000 वर्ष बाद :हमें इस संबंध में सोचना होगा:।’’ यह रेखांकित करते हुए कि उस्मानिया सदर अस्पताल में इलाज के लिए ज्यादातर गरीब ही आते हैं, उन्होंने कहा कि सरकार लोगों के सर्वोत्तम हितों के लिए काम करना चाहती है। उन्होंने विपक्ष पर इस मुद्दे को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि सरकार अस्पताल की क्षमता में वृद्धि करना चाहती है ताकि ज्यादा से ज्यादा मरीजों का इलाज हो सके।
विपक्ष ने अस्पताल की इमारत गिराने का विरोध करते हुए कहा है कि उस्मानिया अस्पताल की इमारत एक विरासत है और अस्पताल के पास ही दस एकड जमीन है जिस पर सरकार नयी इमारत बना सकती है।
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