देश हमारा हमको नाज़, नहीं गिरी है सिर पर गाज।
हिंसा-हत्या अभी बहुत कम, अभी न कोई वाद-विवाद।
अभी नहीं है जंगल राज
रात दिवस हम नहीं घुट रहे, आपस में हम नहीं पिट रहे
सज़ा मिल रही हत्यारों को, अभी न महॅंगे आलू-प्याज़
अभी नहीं है जंगल राज
कट्टर पंथी अभी झुके हैं, आतंकी भी अभी रुके हैं
तानाशाही अभी नहीं है, अभी बची है अपनी लाज
अभी नहीं है जंगल राज
महाप्रलय में देर अभी है, मची नहीं अंधेर अभी है
जुर्म अभी कुछ अधिक नहीं है, अभी तो अपने सिर पर ताज
अभी नहीं है जंगल राज
सत्ता-शासन हाथ हमारे, पूर्ण मनोरथ होंगे सारे
हम स्वतन्त्र हैं नहीं गुलाम, सभी सुखी हैं सफल सुराज
अभी नहीं है जंगल राज
अपराधी को यहॉं सज़ा है, लोकतंत्र की श्र्वास प्रजा है
मूलभूत अधिकार बचे हैं, “लाल’ सभी सुख सुविधा आज
अभी नहीं है जंगल राज।।
हम कलंक से बचे हुए हैं, दा़ग़ी मुखड़ा रंगे हुए हैं
फंसे हुए हैं समझौते में, अभी न कोई अन्य फसाद
अभी नहीं है जंगल राज
उछली अभी नहीं पगड़ी है, जनता अभी नहीं बिगड़ी है
सिंहासन पर लाल सुशोभित, अभी नहीं कोई प्रतिवाद
अभी नहीं है जंगल राज
– लालता प्रसाद मिश्र “लाल’
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