बड़े ही सौभाग्य कि बात है कि देश पर आए संकट की घड़ी में हमारे जॉंबाज सिपाही- एटीएस के प्रमुख हेमंत करकरे ने आतंकवाद से लड़ते हुए देश पर अपनी जान कुर्बान कर दी, पर यह बड़े ही शर्म की बात है कि हमारे नेता उनकी शहादत पर सवाल उठा रहे हैं। उन पर नाज करने की बजाय उन पर शक करना, हमारे देशभक्त नौजवानों पर उंगली उठाने के बराबर है। केंद्रीय मंत्री ए.आर. अंतुले, इतने बुजुर्ग अनुभवी नेता और इतनी बड़ी भूल! उनके गैर जिम्मेदाराना बयान से देश आज शर्मिंदगी महसूस कर रहा है। भविष्य में राजनेताओं को किसी जॉंबाज सिपाही के प्रति गैर जिम्मेदाराना बयान देने से बचना चाहिए।
– स्नेही डी.एम. आर्य (हुमनाबाद)
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