टेर नाथ में थारो जी थारो नाथ में थारो जी थारो
भुलो भुरो कुटील और कामी जो कुछ हू सो थारो
भूरो भूरो मैं बहुत भूरो हूँ आकीर टावर थारो
भूरों कहाकर मह रह जो सु नाम बिगड़सी थारो
बिगड़ीयो तो चारों बिगड़ीयो थे ही माने सुधारो।
सुधरीयो तो थारो सुधरीयो थासु नहीं में न्यारों
थारों हूँ थारों ही भाजु रह सु थारों थारो
आगलीयाँ सु परे ने आवो यातो आप विचारो
म्हारी बात जावे तो जावे सोच कछु नहीं म्हारो
नाने सोच बड़ो यु लाग्यो बिरद लाजसी थारो
जच्चे जिस तरह करो नाथ अब मारो चाहे तारो
जांघ उगाड़ीया लाज मरेला उण्डी बात बिचारो
राम नाथ हिरदे नहीं जाने वोही सन्त अधुरो
सुरदास प्रभू शरण आपकी अपकेलो जन्म सुधारो
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