प्रे गनैंसी के दौरान 10-12 किलो वजन बढ़ाने के बावजूद, अगर सही से देखभाल की जाये तो डिलिवरी के एक माह के भीतर 8 किलो वजन कम किया जा सकता है। सबसे पहले तो यह जान लें कि स्तनपान से वजन कम होता है, क्योंकि हर फीड पर मॉं लगभग 200 से 300 कैलरी बर्न करती है।
सामान्य डिलिवरी के 10 दिन बाद आप अपना फिटनेस रूटीन शुरू कर सकती हैं, लेकिन अगर आप सीजेरियन डिलिवरी से गुजरी हैं तो आपको 30-35 दिन इंतजार करना होगा। दोनों ही सूरतों में कसरत शुरू करने से पहले डॉक्टर की राय लेना जरूरी है।
स्टेप-1
खुले में या टेड मिल पर 20 से 25 मिनट की हल्की वॉकिंग करें। ध्यान रहे कि शुरूआत आराम से और बहुत धीमी रफ्तार से हो। घर का भी हल्का-फुल्का कामकाज आप शुरू कर सकती हैं। भारी चीजें न उठायें।
स्टेप-2
जन्म देने के 15 दिन बाद आप कुछ आसन शुरू कर सकती हैं। अधिक ध्यान कमर, पेट और कूल्हों पर दें, क्योंकि इन क्षेत्रों में ही सबसे अधिक परिवर्तन प्रेगनैंसी के दौरान आता है। भुजंग आसन रीढ़ की हड्डी को स्टैच करता है और कमर को मजबूत करता है। त्रिकोण आसन कमर की मांसपेशियों को स्टैच करता है। उत्तानासन टांगों, कमर और हाथों को स्टैच करता है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए श्वांस कसरतें भी जरूरी हैं। एक अन्य विकल्प है- पायलेट्स। यह दबाव वाली मुख्य मांसपेशियों पर फोकस करना है और रीढ़ की हड्डी को सपोर्ट देना है जिसने नौ माह तक बच्चे के वजन को संभाले रखा है।
स्टेप-3
जब एक बार टांकें ठीक हो जायें तो आप तैराकी भी शुरू कर सकती हैं। एकदम से कसरत शुरू करने से चोट लग सकती है, खासकर घुटने और कमर पर। इसलिए तैराकी ऐसा वर्कआउट है जिसमें खतरा सबसे कम होता है। लेकिन यह सुनिश्चित कर लें कि घाव पूरी तरह से भर गया हो, क्योंकि पानी में मौजूद क्लोरीन से इन्फेक्शन हो सकता है।
शुरूआत तीन-चार लैप से करें और आहिस्ता-आहिस्ता लैपों की संख्या बढ़ा दें और अलग-अलग स्टोक्स भी लगायें। तैराकी के अलावा वाटर एरोबिक्स भी अच्छा विचार है।
स्टेप-4
बच्चे को जन्म देने के बाद आप दो या तीन महीने के अंतराल पर जिम भी जा सकती हैं, लेकिन सख्त वर्कआउट प्रोग्राम में एकदम से न कूद जायें। सप्ताह में तीन बार वर्कआउट करें और अपनी योगा व स्वीमिंग रूटीन को जारी रखें।
हार्मोनों के असंतुलन की वजह से अकसर जच्चा डिप्रेशन में चली जाती है क्योंकि अपने जिस्म पर बढ़े हुए फैट को वह बहुत गंभीरता से ले लेती है। ऐसी स्थिति में डांस क्लास ज्वॉइन करना अधिक लाभकारी होता है। नाचने से मूड अच्छा होता है और कैलरी भी बर्न होती है। लेकिन कसरत में बहुत कड़ी मेहनत स्तनपान कराने वाली महिला को नहीं करनी चाहिए।
– डॉ. माजिद अलीम
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