अखबारों, टेलीविजन और पर्यावरण से जुड़ी विभिन्न संस्थाओं द्वारा लगातार ग्लोबल वार्मिंग पर चिंता जतायी जा रही है। ग्लोबल वार्मिंग को लेकर हम सभी चिंतित भी हैं। लेकिन क्या हमारी चिंता सिर्फ दिखावे भर की है? क्योंकि हमारे द्वारा लगातार पर्यावरण को बिगाड़ा जा रहा है। अब समय आ गया है और हमें अपने पर्यावरण को बचाना है। हममें से हर किसी को यह बात समझनी होगी कि आने वाले दिनों के लिए यदि हम सजग नहीं होंगे, तो हमें पर्यावरण से जुड़ी कई तरह की नयी-नयी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अपने पर्यावरण को बचाने के लिए आइए जानें, हमें क्या करना होगा-
पर्यावरणविदों द्वारा हमेशा से हमारे आसपास की हरियाली, पेड़ों को बचाए रखने की दुहाई दी जाती रही है। क्या हम जानते हैं, ऐसा क्यों है? हां, हम में से हर किसी को यह बात पता है कि पेड़ हमारे वातावरण में मौजूद कार्बनडाई ऑक्साइड को अपने भीतर लेते हैं और बदले में ऑक्सीजन छोड़ते हैं, जो कि धरती में जीवन के लिए सबसे अनमोल चीज है।
पेड़ों से गर्मी कम होती है। पेड़ों के कारण मिट्टी अपने स्थान पर जमी रहती है। पेड़, पक्षियों के लिए आशियाना होते हैं। इसलिए हमें पेड़ों को बचाए रखना है। हमें अपने घर में ऐसे फर्नीचर का इस्तेमाल करना होगा, जो इकोफ्रेंडली हों।
- हम सभी अपने घर में छोटे-छोटे कीड़े-मकोड़ों को भगाने व मारने के लिए पेस्टीसाइड्स का इस्तेमाल करते हैं। मानव निर्मित रसायनों में लगभग 200 औद्योगिक रसायन हैं, जिनसे पर्यावरण को भारी खतरा है। पेस्टीसाइड्स से इन्सान को भी पार्किंसन जैसी बीमारी हो जाती है। पेस्टीसाइड्स बांझपन, मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाने वाले और कैंसर जैसी बीमारी को भी बढ़ावा देते हैं।
- रसायनों के खतरनाक प्रभावों को देखते हुए प्राकृतिक नॉन टॉक्सिक उपायों को अपनाना होगा, जिससे घर-बाहर की साफ-सफाई हो सके और कीड़े-मकोड़ों को अपने से दूर रखा जा सके। खेतों में अन्न उपजाने की ऐसी विधि अपनायी जानी चाहिए, जिसमें पेस्टीसाइड्स के इस्तेमाल को रोका जा सके ताकि पेस्टीसाइड्स में मौजूद रसायनों को अपने भोजन में पहुंचने से रोका जा सके।
रिड्यूज, रीयूज, रीसाइकिल। इन शब्दों को व्यावहारिक जीवन में अपनायें। हम प्राकृतिक संसाधनों पर इतना ज्यादा निर्भर हैं कि उनके ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल के कारण पूरी जैविक व्यवस्था ही गड़बड़ा गयी है। अब समय आ गया है कि हम सभी अपने आप पर नियंत्रण रखें। चीजों का उपभोग कम करें। ऊर्जा बचाएं। घर में या बाहर जब जरूरत न हो तो बिजली के स्विच ऑफ रखें। हमें इस बात को भूलना नहीं है कि किसी भी चीज का ज्यादा इस्तेमाल या बार-बार इस्तेमाल फायदेमंद है बजाय किसी भी चीज का नया उत्पादन करने के। - यदि आप अपना टैक्स बचाना चाहते हैं और चाहते हैं कि बिजली का बिल कम आए, इसके लिए जरूरी है कि हमें ऊर्जा बचाने वाले उपकरण खरीदने होंगे। प्लास्टिक और पेपर बैग का इस्तेमाल बंद करना होगा। इसकी बजाय बार-बार इस्तेमाल हो सकने वाले कैनवास के बैग इस्तेमाल करें। इस बात को हमेशा याद रखें कि प्लास्टिक के बैग पेटोलियम आधारित होते हैं। इन्हें जलाने से वातावरण प्रदूषित होता है और यह जमीन में दबाने पर भी जल्दी नष्ट नहीं होते। नदियों-नालों की गंदगी में बहकर यह प्लास्टिक बैग समुद्री जीवों के जीवन के लिए लगातार खतरा बन रहे हैं।
- घर में इस्तेमाल होने वाले बिजली के उपकरण मसलन- टेलीविजन, वाटर क्लिनर यदि उनके प्लग सॉकिट में लगातार लगे रहते हैं तो भी स्विच ऑफ करने के बावजूद वह ऊर्जा देते हैं। घर में रखा टोस्टर, कॉफी मेकर, हेयर डायर, पीसी, पिं्रटर, केबल बॉक्स, सैल फोन, चार्जर यदि इन सबके प्लग सॉकिट में लगे रहते हैं तो हर घर में यह एक साल में 1000 वॉट ऊर्जा की खपत करते हैं। जरा सोचिए कि लापरवाही के चलते हम कितनी ऊर्जा बेकार करते हैं।
- पेपर का इस्तेमाल सोच-समझकर करें, क्योंकि इससे हमारे वन बचे रह सकते हैं।
- अपने जीवन को बदलें। ऊर्जा बचाने वाले बल्ब का इस्तेमाल करें। घर हो या बाहर, सीएफएल बल्बों का इस्तेमाल करें। हालांकि इसके लिए आपको दूसरे बल्ब की तुलना में काफी ज्यादा पैसे देने पड़ सकते हैं, लेकिन याद रखें यह बल्ब दूसरे बल्बों की तुलना में 10 गुना ज्यादा चलते हैं। इसलिए एक सीएफएल बल्ब खरीदने पर आप दूसरे 8 बल्बों को खरीदने से बच सकते हैं। इससे पैसे और ऊर्जा दोनों बचते हैं। सीएफएल में बहुत कम मात्रा में मर्करी होती है। यह मानव के स्वास्थ्य के लिए ज्यादा बड़ा खतरा नहीं होती।
- यदि आपके शहर में वैकल्पिक ऊर्जा यानी सौर ऊर्जा की सुविधा मौजूद है तो इसका इस्तेमाल करें। इस तरह के संसाधनों के इस्तेमाल से हमारे पर्यावरण को बचाने में सहायता मिलेगी। क्योंकि कोयले के जलावन से चलने वाले विभिन्न प्लांट्स के द्वारा हमारा पर्यावरण प्रदूषित होता है। सूरज, वायु और हाइडो इलेक्टिक पावर्स ऊर्जा के ऐसे विकल्प हैं, जो पर्यावरण को सुरक्षित रखने में मददगार होते हैं।
- घर हो या बाहर, पानी का कम से कम इस्तेमाल करें।
- आने-जाने के लिए पब्लिक टंासपोर्ट का इस्तेमाल करें, कार-पूलिंग करें।
- अपने आसपास घर-बाहर, स्कूल में ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं।
- पानी के प्राकृतिक स्रोतों, जैसे- नदी, झीलों, तालाबों को प्रदूषित न करें।
याद रखें, ग्लोबल वार्मिंग के लिए किसी देश की सरकार ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि इसके लिए लोग भी पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। स्त्री, पुरुष, बच्चे, हम सभी एक दुनिया में रह रहे हैं। जिस जमीन पर रहते हैं, उसे लंबे समय तक जीवित रखने के लिए हम अपने स्तर पर कोई पुख्ता प्रयास नहीं कर रहे हैं। हमने इस ग्रह को अपनी गलतियों से बेहद खराब स्थिति में पहुंचा दिया है। इसलिए अभी भी समय है कि हमें इसे लंबे समय तक बचाए रखने के लिए सोचना होगा।
– के.पी. सिंह
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