पाँवाँ में मेहन्दी थारे राचनी हो मैय्या।
थारे हाथ मांहि हरीयो रूमाल वारी जाऊँ जगदम्बे
दूर देशा सुं आवे जातरु हो मैय्या।
थारे चरणाँ में शीष नवाय वारी जाऊँ जगदम्बे
बाँझडिया भी आवे थारे जातरु हो मैय्या।
थोरे बाँझडिया पालना झुलाय वारी जाऊँ जगदम्बे
आँधलिया भी आवे थारे द्वारे हो मैय्या।
थे तो आँधलिया ने मारगीयो बताय वारी जाऊँ
घृत मिठाई, थारे चढे चूरमो हो मैय्या।
थारे उडे धूपाँ री महकार वारी जाऊँ जगदम्बे
भक्त मण्डली यूँ कहे हो मैय्या।
थारे कोई लाल लाल चूनरिया ओढाय
वारी जाऊँ जगदम्बे॥
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