1989 में अपने पहले अलबम “सुनीता सेनेरिटा’ के जरिये लाखों युवा संगीत प्रेमियों के दिलों में बस जाने वाली सुनीता के अब तक छह अलबम- “परी हूँ मैं’, “अबके बरस’, “धुआं’, “तलाश’ एवं “वक्त’ आ चुके हैं। म्युजिक कंपनी िासेंडो का हाल ही में रिलीज “वक्त’ उनका नवीनतम अलबम है। अपने इस अलबम को लेकर सुनीता खासी उत्साहित हैं, क्योंकि इसमें उन्होंने बालिका भ्रूण हत्या के खिलाफ आवाज बुलंद की है।
वे बताती हैं, “यह मेरा छठा अलबम है, जिसे हमने कुछ खास मकसद से बनाया है। इसी वजह से इसमें हमने सब कुछ खास रखा है, यानी इसके गाने खास हैं, म्यूजिक खास है, यहां तक कि अलबम की थीम भी खास है। यानी “वक्त’ को ताजे फूलों का गुलदस्ता कहा जा सकता है। इसमें आठ गाने हैं जिन्हें मैंने ही लिखा है, जबकि उनकी धुनें जीनो बैंक्स, संगीत हल्दीपुर एवं डीजे गौरव इसार ने बनाई हैं। चूंकि अलबम “बालिका बचाओ अभियान’ से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसमें एक गीत “सुन जरा,’ को हमने बालिकाओं को समर्पित किया है। अमेरिका की स्वयं सेवी संस्था युएनएफपीए ने इस गीत का वीडियो बनाया है, जिसमें कन्या भ्रूण हत्या जैसे अपराध को रोकने के प्रति लोगों को जागरूक किया गया है।
रशेल रैबेन के डायरेक्शन में तैयार इस वीडियो में मेरे साथ मॉडल-एक्टेस सुचित्रा पिल्लई ने भी काम किया है।’
“वक्त’ एक खास थीम पर आधारित अलबम जरूर है, लेकिन इसके सभी गीत उस खास अभियान को समर्पित नहीं हैं। सुनीता बताती हैं “बालिका बचाओ अभियान’ से जुड़ा होने के बावजूद अलबम में रोमांटिक, डांस नंबर जैसे गीत भी हैं। अलबम के गीत “ये दूरियां’, “लागे मोरे नैन,’ “आज मोह,’ “ये जमीन’ आदि हर किसी को गुदगुदाएंगे एवं पसंद आएंगे।
सुनीता का पहला अलबम 1989 में आया था। यानी म्यूजिक की दुनिया में कदम रखे उन्हें करीब बीस साल होने को आए। इसके बावजूद दो देशक के म्यूजिक कॅरिअर में उन्होंने महज छह अलबम ही लोगों को दिए हैं। ऐसा क्यों? पूछने पर वे बताती हैं, “क्योंकि मैं कम, लेकिन बेहतरीन काम करना चाहती हूँ या इसे आप यूं भी समझ लीजिए कि मैं हमेशा परफेक्शन पर ही जोर देती हूँ। वैसे भी अच्छी चीज बनाने में “वक्त’ तो लगता ही है। वैसे मेरा मानना है कि यदि आप लगातार अलबम निकालते हैं तो इससे आपकी गायकी तो प्रभावित होगी ही, बार-बार आपको सुनकर लोग भी बोर हो सकते हैं। यही वजह है कि मैं लंबे गैप के बाद ही अलबम लाती हूँ। चूंकि मैं स्टेज परफॉर्मर भी हूँ और देश-विदेश में मेरे नियमित शो भी होते हैं, ऐसे में जल्दी-जल्दी अलबम निकालना मेरे वश की बात भी नहीं है। इसके अलावा कुछ समय अपने थिएटर के शौक को भी पूरा करने में देती हूँ।’
सुनीता बताती हैं, “मेरी मॉं कमला सिस्ता बेहतरीन सेमी-क्लासिकल सिंगर हैं और अब तक उनके दर्जन से ज्यादा अलबम भी आ चुके हैं। ऐसे में पहली गुरु तो मॉं ही बनीं। चूंकि मेरी मॉं कर्नाटक संगीत में निपुण हैं, सो कर्नाटक संगीत की शिक्षा उनसे ली बाद में गौरव चोपड़ा से लाइट म्यूजिक की तालीम भी ली।’ लेकिन अपने अलबम के वीडियो में सुनीता जमकर डांस भी करती हैं तो इसका क्या मतलब निकाला जाए कि वे डांस का भी शौक रखती हैं? सुनीता कहती हैं, “न केवल शौक है, बल्कि क्लासिकल डांस भरतनाट्यम की बाकायदा टेनिंग भी ली है। डांस का नियमित रूप से अभ्यास भी करती हूँ। इसके अलावा काफी समय तक श्यामक डावर के साथ म्यूजिकल प्ले भी किया है। उस दौरान भी खूब डांस करती थी। केवल अलबम के वीडियो में ही नहीं, स्टेज शो के दौरान भी मैं खूब नाचती हूँ।’
सुनीता पॉप गायकी में किसी से भी अपना मुकाबल नहीं मानतीं। वे कहती हैं, “पॉप गायकी की दुनिया में मैंने जिस समय कदम रखा था, उस समय इस क्षेत्र में उषा उत्थुप, शेरॉन प्रभाकर, पार्वती खान जैसी कलाकारों का वर्चस्व जरूर था, लेकिन पॉप गायकी उतनी लोकप्रिय नहीं थी। इसके बावजूद मैंने न केवल अपनी अलग पहचान बनाई बल्कि पॉप गायकी को भी पॉपुलर किया। उस दौर में भी मेरा किसी से कोई मुकाबला नहीं था। वैसे भी म्यूजिक वर्ल्ड में टैलेंट दिखाने एवं कुछ कर दिखाने के लिए आई हूँ, किसी से प्रतिस्पर्धा करने के लिए नहीं। सच तो यह है कि किसी मुकाबले में शामिल होने से कहीं ज्यादा मेरा ध्यान अपनी खामियों को दूर करने पर रहता है। वैसे भी मेरा मानना है कि यदि आपमें क्षमता एवं प्रतिभा है, आप ईमानदारी से मेहनत करते हैं, तो लोग आपको ऩजरअंदाज कर ही नहीं सकते।
उन्होंने बताया, “शुरुआत में अच्छे मौके मिले तो प्लेबैक किया लेकिन बाद में मनपसंद गीत ही नहीं मिले। वैसे, मैने “दूसरा कानून’ के अलावा “रूप की रानी चोरों का राजा’, “एक था राजा’, “गुप्त’, “अंगारे’, “लावारिस’, “गुलाम-ए-मुस्तफा’ आदि फिल्मों के लिए भी प्लेबैक किया। लेकिन 2000 में “दुल्हन हम ले जाएंगे’ के बाद अच्छे गीत न मिलने एवं समयाभाव के कारण प्लेबैक नहीं कर पाई। हालांकि, आज भी यदि बेहतर गीत मिले और म्यूजिक डायरेक्टर मेरी आवाज का उपयोग करना चाहें तो मैं प्लेबैक के लिए हमेशा तैयार हूँ।
– सुनीता
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