वैज्ञानिक एक खास तरह की जीन थेरेपी से लोगों में बहरापन दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। अगर ऐसा हो जाता है तो इससे दुनिया भर के लाखों लोग फिर से सुन सकेंगे। जर्नल नेचर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, कान के अंदरूनी हिस्से (इनर इयर) की सेल्स के दोबारा उत्पादन से बहरापन को रोका जा सकता है। अमेरिका में पोर्टलैंड के ओरेगन हियरिंग रिसर्च सेंटर के डॉ. जॉन ब्रिगांदे के नेतृत्व में रिसर्चरों ने चूहे के अंदरूनी कान में बालों की सेल्स में इजाफे को नियमित करने वाले जीन को प्रत्यारोपित किया। चूहा उस वक्त गर्भ में ही था। रिसर्चरों ने पाया कि बालों की नई सेल्स बनने लगीं।
ब्रिगांदे ने बताया कि अंदरूनी कान में बालों की नई कोशिकाओं के पैदा होने से हम काफी उत्साहित हैं। ये नई कोशिकाएं आमतौर पर ऐसी संवेदी कोशिकाएं होती हैं, जिन्हें हटाया नहीं जा सकता। ये कोशिकाएं ध्वनि तरंगों को ग्रहण करती हैं। गौरतलब है कि उम्र के बढ़ने या तेज आवाज के कारण ये कोशिकाएं धीरे-धीरे नष्ट होने लगती हैं। स्टडी में कहा गया है कि बालों की कोशिकाएं इयर-डम तक पहुंचने वाली तरंगों को इलेक्टिकल सिग्नलों में परिवर्तित कर देती हैं और तत्पश्र्चात सिग्नल दिमाग तक ले जाती हैं। हालांकि, ब्रिगांदे ने कहा कि इस टेस्ट का असर मानवों पर देखा जाना अभी बाकी है। उन्होंने जोर दिया कि अभी इस दिशा में काफी काम किया जाना बाकी है।
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