“बाबा, मम्मी पूछ रही हैं कि आप नाश्ते में उबला हुआ अंडा लेंगे या हाफ ााई?’
“अंडा तो हर रूप में स्वास्थ्यवर्धक होता है, जैसी मर्जी वैसा ले आओ।’
“स्वास्थ्यवर्धक!’
“जी बिटिया, सेहत को फायदा पहुँचाने वाला।’
“रोज एक अंडा खाना, खासकर उन लोगों के लिए जो गोश्त नहीं खाते, बहुत फायदेमंद है।’
“अरे, मैं तो भूल ही गयी कि मम्मी को जाकर बताना था कि आप कैसा अंडा खाएंगे। लीजिए, मम्मी ने हमारी बातें सुन ली हैं और वे खुद ही नाश्ता लेकर आ रही हैं, आप नाश्ता कीजिए, मैं खेलकर आती हूँ।’
“नहीं बैठो।’
“क्यों?’
“अंडे से मुझे एक बात याद आ गयी।’
“सवाल होगा…’
“कुछ ऐसा ही है, लेकिन है दिलचस्प।’
“मालूम कीजिए।’
“एक दुकानदार के पास कुछ अंडे रखे थे। उसके पास एक ग्राहक पहुँचा और बोला कि तुम्हारे पास जो कुल अंडे हैं उनमें से आधे अंडे और उसके ऊपर एक आधा अंडा और दे दो। दुकानदार ने ऐसा ही किया। इसके बाद दूसरा ग्राहक पहुँचा और उसने भी वैसी ही फरमाइश करते हुए कहा कि अब जो तुम्हारे पास अंडे बचे हैं उनमें से आधे और उसके ऊपर एक आधा अंडा और दे दो। दुकानदार ने उसकी भी मॉंग पूरी कर दी। अंत में एक तीसरा ग्राहक पहुँचा उसने भी वैसा ही कहा कि अपने आधे अंडे और ऊपर से एक आधा अंडा और दे दो। दुकानदार ने उसकी भी फरमाइश पूरी कर दी और इस तरह उसने अपने सारे अंडे बेच दिये, वह भी बिना कोई अंडा तोड़े हुए। अब आपको बताना है कि दुकानदार के पास कुल कितने अंडे शुरू में थे?’
“ग्राहकों को उसने आधा अंडा बिना तोड़े हुए कैसे दे दिया?’
“यही तो सवाल है।’
“लेकिन यह प्रश्न गलत है। बिना तोड़े आधा अंडा किस तरह से दिया जा सकता है। मेरे तो बात समझ में नहीं आती।’
“दिमाग पर ज़ोर दोगी तो आ जायेगी।’
“यह कैसे हो सकता है? तीन ग्राहक आते हैं, कुछ अंडे मॉंगते हैं और ऊपर से आधा अंडा भी और दुकानदार तीनों को आधा-आधा अंडा भी दे देता है, वह भी बिना तोड़े हुए। क्या उसके पास पहले से ही आधा-आधा किए हुए अंडे रखे हुए थे?’
“नहीं, सभी अंडे साबुत थे, उसने कोई अंडा नहीं तोड़ा और आधे अंडे की अपने ग्राहकों की फरमाइश भी पूरी की।’
“मगर कैसे?’
“सब जान जाओगी जब यह अंदाजा लगा लोगी कि दुकानदार के पास कुल कितने अंडे थे?’
“बाबा, मेरी समझ में तो कुछ नहीं आ रहा। पूरी तरह से उलझ गयी हूँ। कृपया आप ही बता दें।’
“दुकानदार के पास कुल सात अंडे थे। जब पहला ग्राहक आया तो उसने कुल अंडों का आधा और ऊपर से एक आधा अंडा मॉंगा। तो दुकानदार ने उसे कितने अंडे दिये?’
“सात का आधा हुआ साढ़े तीन और आधा यानी चार अंडे।’
“जब पहला ग्राहक 4 अंडे ले गया तो कितने अंडे बचे?’
“7-4=3′
“दूसरे ग्राहक ने भी आधे अंडे और ऊपर से आधा अंडा मॉंगा, तो अब वह कितने ले गया?’
“तीन का आधा हुआ डेढ़ और प्लस आधा-आधा यानी दो अंडे।’
“यानी अब एक अंडा बचा।’
“और तीसरा ग्राहक आधा प्लस आधा यानी एक अंडा ले गया।’
“और इस तरह अंडों को बिना तोड़े दुकानदार ने आधा-आधा अंडा भी बेच दिया।’
“वाह!’
– कुँवर चॉंदखॉं
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