ईल मछली से मिलता-जुलता, शल्क रहित, चिपचिपा जलचर प्राणी है लैम्प्रे, जिसे मछलियों की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। लैम्प्रे अपना पेट भरने के लिए अपने बिना जबड़े वाले चुसनी जैसे मुंह की मदद से किसी भी मछली के शरीर से जा चिपकता है और फिर अपनी बेहद खुरदरी जीभ से मछली के शरीर में छेद कर डालता है। उसके बाद उस घाव से निकलने वाले खून को बड़े म़जे से पीता है। हालॉंकि सभी प्रकार की प्रजातियों के लैम्प्रे सिर्फ मछलियों का खून चूसकर अपना पेट नहीं भरते बल्कि लैम्प्रे की कुछ प्रजातियां सीप जैसे कवकदार प्राणियों तथा केंचुओं या अन्य कीड़े-मकोड़ों को खाकर भी अपना पेट भरती हैं।
– लैम्प्रे
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