छेमाई का इम्तियान था, मैंने पर्चा एक बनाया
जनरल नॉलेज के हिसाब से, लिक को उसकू खूब सजाया
इम्तियान का दिन आया तो, सोब पोट्टों कू पर्चे बांटऊँ
अच्छा-अच्छा लिकना बोल को, बदमाशोंऊँ कू कित्ता डांटऊँ
घर में लाको इम्तियान के पर्चों से जब मैं टकराया
पड़ पड़ को पोट्टों के जवाबॉं, अब्बा मेरा सिर चकराया
क्या सवाल थे क्या जवाब थे, बोला तो बोलींगे
अगर हो गया सोबकू मालुम, नई मालुम कैसे जीऊँगा
सोब बोलींगे तुमिच सिकारंई, मेरे सिर पो तो तोमत आईंगी
सुक्का-मुक्का खाको जीरऊँ, सो वो बी नौाी जाएंगी
तुमिच सुन को कुच जवाब देओ, कइसा इन भेजों में आया
लीडर का मतलब पूछा तो, क्या बोलूं मैं डाकू लिका
हिम्मत का मतलब पूछा तो, पोट्टा देखो चक्कू लिका
पोलिस का मतलब पूछऊँ, तो गुण्डों का उस्ताद लिका
बल्दिया क्या है पूछऊँ, तो धेड़ पो की खाद लिका
इस्टुडेण्ट क्या है पूछऊँ, तो उसकू हौंदा लोटा लिका
एजुकेशन क्या है पूछऊँ, तो उसकू सिकका खोटा लिका
इस्कूल का मतलब पूछऊँ तो बकरौं का मंदा बतलाया
टीचर का मतलब पूछऊँ, तो रोटी का धंदा बतलाया
इंजीनियर क्या है पूछऊँ, तो क्या बोलूँ अजगर लिका
डॉक्टर क्या होता पूछऊँ, तो बीमारी का घर लिका
धर्मों मजहब क्या है पूछऊँ, तो मकड़ी का एक जाल बताया
मुल्ला-पण्डित क्या है पूछऊँ, तो बगले की एक चाल बताया
कानून भला क्या है पूछऊँ, तो क्या बोलूं हन्दा लिका था
जज-वकील क्या है पूछऊँ, तो हन्दौं का बंदा लिका
तुमिच बोलो सोब पोट्टोंकू उल्टा सीदा कोन सिकारईं
मेरे कू पूछते तो बोलतऊँ, आजकल के हालत सिकारईं
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