त्वचा को प्राकृतिक तेल और नमी प्रदान करने में प्राकृतिक तत्वों का महत्वपूर्ण स्थान होता है। बस, अपनी रसोई में झांकिए तो सौंदर्य को निखारने के लिए अनगिनत चीजें पलभर में ही आपकी दृष्टि में आ जाएँगी। त्वचा के लिए उपयोगी कुछ श्रेष्ठ घरेलू पैक तैयार करने की विधियॉं जानें –
चंदन का पैक : चंदन घिसकर उसमें गुलाब-जल की कुछ बूंदें मिलाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा को ठंडक पहुँचती है। यदि चेहरे की त्वचा अधिक चिकनी हो, तो चंदन में गंधक की थोड़ी मात्रा मिला दें। गर्मियों में तो यह पैक चेहरे के लिए बहुत ही लाभदायक होता है।
दही का लेप : एक चम्मच बेसन में दो चम्मच दही और दो बूंद शहद मिलाकर चेहरे पर लगभग आधा घंटे तक लगा रहने दें।
पोदीने का पैक : हरा पोदीना पीसकर इसका लेप चेहरे पर लगभग आधा घंटे तक लगा रहने दें, फिर ठंडे पानी से मुंह धो लें। यह त्वचा की सारी गर्मी दूर कर देता है। यह मुहॉंसे के दागों को कम करने में भी उपयोगी होता है।
सोयाबीन या मसूर की दाल का पैक : एक छोटी कटोरी सोयाबीन या मसूर की दाल को रात में भिगो दीजिए। सुबह पानी निथार कर, पीसकर गाढ़ा पेस्ट तैयार कर लें। उसमें थोड़ा-सा कच्चा दूध और थोड़ा-सा बादाम रोगन मिलाकर लगाने से त्वचा की खुश्की दूर होती है।
उड़द की दाल का पैक : सूखी उड़द की दाल का पावडर बनाकर उसमें थोड़ा-सा गुलाब जल, ग्लिसरीन और बादाम रोगन मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरा चमक उठता है, साथ ही झांइयॉं भी ठीक होती हैं।
मक्खन का लेप : चेहरे की त्वचा यदि गर्म हवा या लू से शुष्क हो गई हो, तो पानी में थोड़ा मक्खन फेंटकर चेहरे पर लेप लगा लें। लगभग आधा घंटा लगा रहने दें, फिर हल्के गुनगुने पानी से चेहरा धो लें।
खीरे का लेप : खीरे को छीलकर बारीक पीस लें, उसमें थोड़ा-सा कच्चा दूध मिलाकर चेहरे व गर्दन पर लगा लें। कुछ देर पश्र्चात धो लें। इससे त्वचा का रुखापन दूर होता है व त्वचा मुलायम हो जाती है। इससे मुहॉंसे के दाग भी दूर हो जाते हैं।
बेसन का पैक : एक चम्मच बेसन में चुटकी भर हल्दी, आधा चम्मच शहद और आधा चम्मच जैतून का तेल मिलाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा चमकने लगती है।
मुल्तानी मिट्टी का पैक : एक छोटा चम्मच बारीक पिसी हुई मुल्तानी मिट्टी में एक छोटा चम्मच गुलाब-जल अथवा क्लीनजिंग मिल्क मिलाकर गाढ़ा पेस्ट तैयार कर लें। चेहरे का जो भाग चिकना है, वहॉं गाढ़ी परत और शुष्क भाग पर हल्की परत लगाएं। 10-15 मिनट बाद गुनगुने पानी से धो डालें।
-डॉ. किरण रमण
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