चैत्र सुदी दूजको गणगौर का सिन्जारा करते हैं, जो जवारा बोते हैं उसकी आज के दिन पूजा करते हैं पाटे पर जंवारा के कुन्डे रखते हैं उसमें लकडी के डोके पर सफेद कपडा बान्ध कर बाल लगा कर एककुन्डे में रखते है एक लडकी के डोके पर लाल कपडा बान्ध कर दूसरे कुन्डे में रखते हैं जंवारा को चुरमे के लडु से जिमाते हैं चारजवारा के गीत व चार-पाँच गणगौर के गीत गाते हैं बाद में बधावा गाते हैैं। रात को मेहन्दी लगाते हैं। मथा धोते हैं।
चूरमे के लड्डु बनाने की विधि :- 400 ग्राम गेहु का आटा 100 ग्राम मोटा आटा या खा लेकर उसमें अच्छा घी का मोरन देकर सांध लेते है छोटी-छोटी पिंडीया बनाकर घी में तलते हैं सिकने के बाद निकाल कर पिस लेते हैं व मध्यम चलनी से छान लेते हैं, कडाई में घी डालकर लोंग इलायची का बघार करके थोडा सा सेक लेते है। 325 ग्राम पीसी शक्कर मिलाकर लड्डु बान्ध लेते हैं।
You must be logged in to post a comment Login