एनडीटीवी इमैजिन पर प्रसारित हो रहे सागर बंधुओं के धारावाहिक “रामायण’ में सीता का किरदार निभा रही है, अभिनेत्री देविना बैनर्जी।
सबसे पहले अपने बारे में बताएं?
मैं कोलकाता की रहने वाली हूँ। पब्लिक रिलेशन में स्नातक तक की पढ़ाई की है। तीन साल पहले मुंबई आयी थी। मुझे स्कूल के दिनों से ही अभिनय का शौक रहा है। अब तक तमिल, तेलुगू और कन्नड़ फिल्मों में अभिनय कर चुकी हूँ। कोलकाता में स्कूल के दिनों से ही मैंने मॉडलिंग करनी शुरू कर दी थी। वैसे मेरे घर में फिल्मों का कोई माहौल नहीं है। मैंने बोरोलीन और शालीमार हेअर आयल सहित तमाम प्रोडक्टों के लिए मॉडलिंग की है।
जब मैं दसवीं कक्षा में पढ़ रही थी, उन्हीं दिनों मेरे पास बंगला फिल्मों में अभिनय करने का ऑफर आया था, पर तब मैंने फिल्में नहीं की थीं। मेरे पिता चाहते थे कि पहले मैं पढ़ाई पूरी करूं। पढ़ाई पूरी करने के बाद मैं मुंबई आ गयी। यहॉं “सहारा’ टीवी चैनल के “मिस्टर एंड मिस बॉलीवुड’ प्रतियोगिता का हिस्सा बनी, विजेता भी हुई। उसके बाद मुझे दक्षिण की फिल्मों में काम करने का ऑफर मिल गया। मैंने सबसे पहले आनंदी आट्र्स की फिल्म की, जिसमें सोनू सूद के साथ मोहित चड्ढा भी हीरो थे। उसके बाद मैंने शिवराज की हीरोइन के रूप में कन्नड़ फिल्म की।
क्या अभिनय की कोई टेनिंग ली है?
नहीं! सिर्फ मेरे अंदर अभिनेत्री बनने का एक जुनून था और मैं काम करते-करते सीख गयी।
आपको धारावाहिक “रामायण’ से जुड़ने का मौका कैसे मिला?
मैंने थ्री डी शो “मायावी’ किया था, जिसमें राम का किरदार निभा रहे अभिनेता गुरमीत भी थे। इसमें हम दोनों की दोहरी भूमिका थी। पहले हम दोनों राजा व रानी बनते हैं और बाद में एक सामान्य लड़का-लड़की। “मायावी’ का यह कैसेट रामायण का निर्माण करने वाली कंपनी “सागर आट्र्स’ के पास पहुँच चुका था और इसी को देख कर उन्हें लगा कि उनके राम और सीता हम ही हो सकते हैं। गुरमीत तो उनसे मिल चुके थे, पर उन्होंने मुझे बुलाया। आनंद सागर व शक्ति सागर ने हमसे लंबी बातचीत की और सीता के कॉस्ट्यूम को पहनाकर मेरा एक टेस्ट लिया। अंततः मुझे सीता का किरदार निभाने का मौका मिल गया। वास्तव में “मायावी’ देखने के बाद आनंद सागर काफी हद तक मानसिक रूप से तैयार हो चुके थे कि वे हमें ही राम व सीता बनाएंगे।
सीता के किरदार के लिए आपने क्या तैयारी की?
पटकथा को ठीक से पढ़ा और आनंद सागर व शक्ति सागर से अपने चरित्र को लेकर काफी कुछ समझा।
क्या आपने रामायण पढ़ी है?
हॉं! मैंने बंगला भाषा में रामायण पढ़ी है।
शूटिंग के अनुभवों को लेकर क्या कहेंगी?
शूटिंग के अनुभव तो अच्छे हैं, लेकिन हमें बड़ौदरा की 48 डिग्री में भी कम वस्त्रों में शूटिंग करनी पड़ी थी। दरअसल, वनवास के दृश्य फिल्माए जा रहे थे। आप सोच सकते हैं कि हमें कितनी तकलीफ होती होगी लेकिन हम इतने मुश्किल काम को भी, बड़ी आसानी से अंजाम दे पाए, क्योंकि ईश्र्वर हमें ताकत दे रहा है।
आपको नहीं लगता कि सीता के साथ अन्याय हुआ?
देखिए, राम और सीता तो विष्णु और लक्ष्मी के अवतार थे। जो कुछ भी हुआ, वह सब कुछ ईश्र्वरीय लीला थी। यदि हम आज की नारी के हिसाब से देखें, तो सीता के साथ अन्याय हुआ। यदि हम राजा राम के दृष्टिकोण से देखें तो सीता के साथ कुछ भी अन्याय नहीं हुआ, क्योंकि राम ने हमेशा इस बात कर ध्यान रखा कि किसी के साथ भी अन्याय न हो।
– देविना
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