सेक्सोमनिआ नींद में भी करते हैं रति क्रिया

sexomaniaअक्सर सुनने में आता है कि फलॉं व्यक्ति नींद में चलता है, नींद में बड़बड़ाता है, नींद में डर जाता है या बिस्तर गीला करता है इत्यादि। नींद से जागने के बाद उक्त व्यक्ति को नींद के दौरान किये गये इन कार्य-कलापों के बारे में कुछ याद नहीं रहता। कुछ ऐसी ही अवस्था है, स्लीप सेक्स या सेक्सोमनिआ अर्थात् नींद के दौरान यौन क्रियाएँ करना। चिकित्सकों और शोधकर्त्ताओं ने इस अवस्था को पारासोमनिआ अर्थात् नींद के रोगों का ही एक प्रकार माना और इसे एक चिकित्सीय समस्या मानते हुए बताया गया कि इसका उपचार संभव है। लॉस ऐंजल्स, कैलिफोर्निया के न्यूरोलोजिस्ट एवं स्लीप डॉक्टर डॉ. डेविड सॉल रोसनफिल्ड ने सर्वप्रथम इस अवस्था को0 स्लीप सेक्स नाम दिया।

इस संबंध में किये गये नवीनतम शोधों और अध्ययनों के अऩुसार नींद में की गई यौन क्रियाएँ अथवा सेक्सुअल व्यवहार में नींद से संबंधित अन्य व्याधियों की भी भूमिका हो सकती है तथा इसी प्रकार नींद से संबंधित किसी भी प्रकार की व्याधि से ग्रस्त व्यक्ति असामान्य यौन व्यवहार का भी शिकार भी हो सकता है। एक मनोचिकित्सक की रिपोर्ट के अनुसार- नींद से संबंधित समस्याओं के रोगियों में से अधिकांश सोते-सोते नाना प्रकार की यौन-क्रियाएँ भी करते हैं तथा अपने साथ सोने वाले को अपनी क्रियाओं का शिकार बनाते हैं। ऐसे में उनका व्यवहार अत्यंत आाामक होता है। ऐसे में की गई यौन क्रिया के दौरान कई बार तो उन्हें कामोत्तेजना भी नहीं होती। ऐसे लोग सोने-जागने की बीच की अर्धचेतना की अवस्था में बिना कुछ जाने-समझे यौन गतिविधियों में लिप्त हो जाते हैं। वे बताते हैं कि कभी-कभी ऐसी स्थिति में सेक्सोमनिआ के रोगियों का व्यवहार अपने साथी के लिए अजीब-सा, यहॉं तक कि डरावना हो जाता है। ऐसे लोग चिकित्सक से अथवा अन्य किसी से अपनी समस्या के बारे में चर्चा भी नहीं करते, क्यूंकि उन्हें लगता है चिकित्सक या कोई भी उन पर विश्वास नहीं करेगा कि वास्तव में वे यह सब नींद के दौरान अन्जाने में करते हैं। लोगों को यह समस्या मजाक का विषय या हास्यास्पद लग सकती है, जबकि सच्चाई यह है कि इस समस्या से ग्रस्त व्यक्ति और उसके साथी को अनेकानेक परेशानियों और व्यवधानों से दोचार होना पड़ता है।

सेक्सोमनिआ कोई आम रोग नहीं है बल्कि यह समस्या किसी-किसी में ही मिलती है। माना जाता है कि अमूमन बालिग लोग ही इस समस्या का शिकार होते हैं, जिनमें से दो-तिहाई मामले पुरुषों से संबंधित सामने आए हैं। बहुत कम संख्या में, किंतु महिलाएँ भी इस समस्या से ग्रस्त हो सकती हैं।

सेक्सोमनिआ में कार्यरत वास्तविक कारणों का तो पता नहीं चल पाया है, किंतु संभव है कि मस्तिष्क कार्यप्रणाली में उत्तेजना अथवा सिायता में गड़बड़ी होने पर नींद के दौरान होने वाली समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इन समस्याओं के साथ भावनात्मक समस्याओं के मिल जाने पर सेक्सोमनिआ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। ऐसे व्यक्तियों में नींद के दौरान होने वाली अन्य समस्याएँ जैसे चलना, डरना, बड़बड़ाना इत्यादि भी दिखाई पड़ सकती हैं। कुछ वैज्ञानिक सेक्सोमनिआ का संबंध अनुवांशिक घटक से भी जोड़ते हैं।

कारण चाहे जो भी हों, किंतु एक बात महत्वपूर्ण है कि सेक्सोमनिआ से ग्रस्त लोगों को शीघ्रातिशीघ्र चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिये, अन्यथा कालांतर में इन लोगों में ाोध, भ्रान्ति, उलझन, घबराहट, वंचना, आत्मदमन, डर, कुंठा, निराशा, हताशा, ग्लानि, विकर्षण, घृणा, अरुचि तथा शर्म जैसी नकारात्मक भावनाएँ घर कर सकती हैं। ऐसी नकारात्मकतापूर्ण भावनाएँ प्रायः ज़बरदस्त तनाव का कारण बनती हैं।

इस कष्टकारी और कभी-कभी खतरनाक रूप अख्तियार कर लेने वाली बीमारी से ग्रस्त वैवाहिक व्यक्ति का रिश्ता ही दॉंव पर लग जाता है। कई तो कानूनी शिकंजे में भी फॅंस जाते हैं, क्यूंकि नींद के दौरान अर्धचेतन अवस्था में की जाने वाली यौनिायाएँ दूसरे व्यक्ति के लिए अवांछित और हिंसात्मक भी हो सकती हैं।

सेक्सोमनिआ का उपचार संभव है। इस उपचार में दवाएँ, चिकित्सकीय प्रणाली तथा जीवनशैली में बदलाव- सभी शामिल रहते हैं। इस अवस्था को उभारने वाले तनाव और शराब दोनों ही त्याज्य रहते हैं। जीवनशैली और वातावरण में बदलाव से तनाव और उत्तेजना एवं घबराहट में कमी आती है। हॉं, यह बदलाव रोगी की अपनी आवश्यकताओं और कार्यामों के अनुसार होना चाहिये। इसके अतिरिक्त, चिकित्सक क्लोनेजीपेम नामक दवा भी दे सकते हैं, जो कुछ मामलों में लाभ पहुँचा सकती है।

सेक्सोमनिआ या स्लीप-सेक्स के कम से कम 11 प्रकार हैं, जिनका उपचार आसानी से किया जा सकता है। इस बारे में शर्म या हास्यास्पद स्थिति से बचने के लिए रोग को छिपाना नहीं चाहिये बल्कि चिकित्सक को अपनी समस्या से अवगत करवाकर सही उपचार करवा लेना चाहिये, अन्यथा यह स्थिति अत्यंत परेशानी का सबब बन सकती है, क्यूंकि किसी-किसी मामले में रोगी अपने साथी या अन्य किसी का भी सुप्तावस्था में बलात्कार तक कर सकता है और जागने पर उसे अपने कृत्य का भान तक नहीं होगा।

वैसे सभी मामलों में यह समस्या इतनी प्रबल नहीं होती, किंतु बीमारी बढ़ने से पूर्व इसका उपचार करवा लेने में ही समझदारी है।

प्रस्तुति – डॉ. नरेश बंसल

One Response to "सेक्सोमनिआ नींद में भी करते हैं रति क्रिया"

You must be logged in to post a comment Login