कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है कि अगर सब दफ्तरों और फैक्टरियों में चाय-काफी और ठंडे के साथ दारू भी मिलने लगे तो काम करने का मजा ही अलग होगा। अगर सच में कभी ऐसा हो गया तो जरा सोच कर देखें कि नजारा कैसा होगा?
– दारू पीकर लोग अक्सर सच्ची बात बोलेंगे।
-काम जैसा भी हो, मानसिक तनाव कम होगा।
– कम वेतन के बारे में बार-बार शिकायत नहीं करेंगे।
-सर्दियों में स्टाफ के लिये हीटर का इन्तजाम नहीं करना पड़ेगा।
– कैंटीन का खाना कैसा भी बना हो, सब लोग चुपचाप खा लेंगे।
-चपरासी फाइलों को लेकर झूमते हुए इधर उधर ले जाते नजर आयेगा।
-कुछ पैग चढ़ाने के बाद हर कोई एक दूसरे की तारीफ करता नजर आयेगा।
-अफसर लोग भी किसी के काम की कमियों की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं देंगे।
– अलग-अलग गाड़ी से जाने की बजाय, सब लोग कार पूल करना बेहतर समझेंगे।
– बोनस थोड़ा बहुत कम या देरी से भी मिले तो किसी को कोई दिक्कत नहीं होगी।
– बिजली जाने पर कर्मचारी दफ्तर के जनरेटर सेट की आवाज पर ही नाचते मिलेंगे।
– किसी के काम में कितनी भी कमी हो, कोई भी एक दूसरे की शिकायत नहीं करेगा।
– हर आदमी किसी भी हाल में हो, दफ्तर जरूर आयेगा और कम से कम छुट्टी करेगा।
– देर रात को दारू पीकर नशे में चूर होकर भी घर पर जाने में किसी को डर नहीं लगेगा।
– किसी भी स्टाफ को, रात कितनी भी देर तक काम के लिये रूकना पड़े, कोई मना नहीं करेगा क्योंकि शाम को दारू बार में जाने का झंझट खत्म हो जायेगा।
– हर आदमी अपने बॉस को ठीक से अपने मन की बात कह सकेगा। उसे सिर्फ वो नहीं बोलना पड़ेगा जो अफसर लोग सुनना चाहते हैं।
– हर किसी के पास बढ़िया बहाना होगा कि अब कोई पिलाए तो मैं क्या करॉ।
जौली अंकल का ख्याल तो बहुत बढ़िया है।
You must be logged in to post a comment Login