छोटे पर्दे पर धारावाहिक “क्योंकि’ में अंश का नकारात्मक चरित्र निभाकर मशहूर हुए मॉडल अभिनेता आकाशदीप सहगल के दबंगपन का जवाब नहीं। वे किसी से नहीं डरते और सच बोलते हुए वे अपनी पुरानी गर्लोंड कही जाने वाली फराह खान तक से भिड़ जाते हैं। लेकिन इसके बावजूद वे टीवी पर नकारात्मक चरित्रों के लिए सबसे अधिक मांग वाले कलाकार हैं। उनकी नीली आँखें, दाढ़ी और रबर बैंड से बंधी लंबे बालों वाली चोटी उन्हें वैसे भी टीवी के परंपरागत कलाकारों से अलग लुक देती है। केतन मेहता के जी के शो टाइमबम में जब उन्हें लादेन के आतंकवादी बेटे उस्मान की भूमिका दी गयी तो उनका यही लुक सबसे अहम कारण था। पिछले दिनों वे सोनी के कुछ इस तरह में रणबीर नंदा नाम के एक महत्वूपर्ण चरित्र को निभाने के कारण चर्चा में रहे और इस बार तो हद हो गयी। वे एकता के मेगा महाभारत में कंस की भूमिका में हैं।
क्या बात है आपको नकारात्मक चरित्रों में ज्यादा मजा आ रहा है, जो अब कंस का पात्र निभा रहे हैं?
आपको लगता है कि खलनायक बनना आसान काम है? मुझे इसमें नायक से ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। (हंसते हैं)
कंस बनना आपका फैसला है या एकता का?
दोनों का। जब महाभारत की कास्ट तय की जा रही थी तभी एकता ने तय कर लिया था कि मैं कंस बनने जा रहा हूँ। यह पूरी तरह नकारात्मक चरित्र नहीं है। यह केवल अपनी मौत से डरा हुआ चरित्र है।
हाल ही में समाप्त हुए धारावाहिक कुछ इस तरह में आपने जो रणबीर नंदा का चरित्र निभाया था, वह तो इससे एकदम अलग है?
रणबीर नंदा एक सख्त इनसान ़जरूर था, पर वह भीतर से कहीं अपनी मॉं और नानी के करीब भी था, जो उसकी संवेदनाओं को दर्शाता है। जहॉं तक नाकारात्मक चरित्रों की बात है तो कभी-कभी कई चरित्र आपके शारीरिक तालमेल से मेल खा जाते हैं। हालांकि खुद को ब्रेक देने के लिए मैंने सोनी का कॉमेडी सर्कस भी किया था।
पर जो लोकप्रियता सकारात्मक चरित्र देते हैं, वह नकारात्मक चरित्रों से नहीं मिलती?
(हंसते हैं) ऐसा नहीं है। नेगेटिव चरित्र ही पॉजिटिव चरित्रों के नये विकास का आधार होते हैं। “क्योंकि’ में यदि अंश गुजराल नहीं होता तो तुलसी कभी तुलसी नहीं बनती और यदि कंस न होता तो कृष्ण की महत्ता को कौन मानता?
रैंप मॉडलिंग के बाद आप तो दो फिल्में भी कर चुके हैं। ऐसे में टीवी को ही आधार क्यों बनाया, फिल्में क्यों नहीं?
सुपारी और प्यार में कभी-कभी मैंने दोस्ती में की थी। राज कौशल मेरे दोस्त हैं। बाद में अहसास हुआ कि उनमें मेरे लिए कुछ नहीं था।
एल जैसी पत्रिका में क्या था, जो आपको हिंदुस्तान के सबसे सेक्सी पुरुषों में शामिल कर चुकी है। आप क्या हैं, सेक्सी मॉडल या अभिनेता?
अब मॉडल भी अच्छे अभिनेता हो सकते हैं। यह अलग फिनोमिना बन गया है। अभिनय में सेक्सी पुरुष होना ही काफी नहीं होता।
क्योंकि के अंश और टाइमबम के बाद उस्मान से जो लोकप्रियता मिली,क्या वही आपके झलक दिखला जा जैसे शोज में काम आयी?
नहीं। मैं अच्छा डांसर हूँ, लेकिन उस वक्त फराह ने मुझे जानबूझ कर बाहर कर दिया। वे नहीं चाहती थीं कि मैं फाइनल तक पहुँचूँ।
फराह के साथ आपके मतभेदों की वजह क्या है?
नहीं पता। मेरी उनकी मुलाकात कुछ साल पहले मेरे वीडियो खोया खोया चांद के समय हुई थी। पता नहीं उसके बाद उन्हें क्या हुआ? अब मैं इस बारे में नहीं सोचता।
आप तो निर्माता निर्देशक बनना चाहते थे?
हॉं मैं अंजता एलोरा पर एक वृत्त चित्र बना रहा था। मैंने कुछ फिल्में बनायी हैं। चाहता हूँ कि किसी अच्छे चैनल पर दिखायी जाएं। आज भी मैं एक पटकथा पर काम कर रहा हूँ।
सात साल के कॅरियर के बाद अब आप अपने आपको कैसे देखते हैं?
मैं निर्देशन के क्षेत्र में हाथ आजमाना चाहता हूँ, लेकिन मैं चाहता हूँ कि मैं ऐसा काम करूं जैसा हॉलीवुड में होता है। एकदम टॉम हैंक्स की फिल्मों की तरह। मैं उनका प्रशंसक हूँ।
आप बालाजी के भी प्रशंसक हैं। एकता के शो क्योंकि में आप डबल भूमिका में हैं, अंश भी और एकलव्य भी?
हॉं, एकता के साथ मेरी ट्यूनिंग जम जाती है। लेकिन अंश और एकलव्य में आधारिक अंतर है। एक नेगेटिव था और एक पॉजिटिव होते हुए नेगेटिव होने की कोशिश कर रहा है।
– आकाशदीप
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