बहुत से नये माता-पिता नवजात शिशु के आगमन पर कुत्ते को घर से बाहर निकालने के बारे में सोचते हैं, लेकिन नकारात्मक विचारों से बचें, जैसे- कुत्ते बच्चे को नुकसान पहुंचाएंगे। सच तो यह है कि जो बच्चा जानवरों के साथ पलता है, वह उनका सम्मान और उनसे प्यार करना सीख जाता है। यहां कुछ टिप्स और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं जिनके सहारे आप परिवार के नये सदस्य के लिए कुत्ते को ट्रेन कर सकते हैं-
पेट्स को स्ट्रोक करें
हैन्डलिंग एक्सरसाइज आवश्यक है, क्योंकि नया बच्चा यकीनन कुत्ते को स्ट्रोक करेगा और उसके बाल या दुम खींचना भी पसन्द करेगा। इसलिए पेट्स को ऐसी ट्रेनिंग दी जाये कि वह सीने, कन्धे, कमर, टांगों, दुम और सिर पर स्ट्रोक बर्दाश्त करना सीख जाये। हैन्डलिंग एक्सरसाइज उस वक्त की जानी चाहिए, जब आप का पलुआ शान्त और नियंत्रण में हो। यह सुनिश्र्चित कर लें कि यह एक्सरसाइज खेल न बन जाए वरना पलुआ छटपटाना और खेल-खेल में काटना सीख जाएगा जो आपके बच्चे के लिए हानिकारक या परेशानी भरा हो सकता है।
आवाज सुनाएँ
अपने पलुआ को बच्चे के रोने, चिल्लाने और हंसने की टेप रिकॉर्डिंग सुनाएँ। टेप को बहुत कम वॉल्यूम पर चलाएं, जब तक कुत्ता उस आवाज पर ध्यान देना ही बंद न कर दे। फिर आहिस्ता- आहिस्ता वॉल्यूम इस तरह बढ़ा दें कि वह वास्तविक स्तर तक पहुंच जाये। बेबी साउन्ड्स से परिचित होने के बाद आपका कुत्ता अपने नये किस्म के सिबलिंग को सहजता से स्वीकार कर लेगा।
नयी खुशबू, नयी चीजें
अपने कुत्ते की मदद करें कि वह बेबी सोप, टैल्क और मिल्क पाउडर का आदी हो जाये। ऐसा करने के लिए उनका इस्तेमाल उसी समय से शुरू कर दें, जब बच्चे के आने में अभी कुछ सप्ताह शेष हों। बच्चे के आने से पहले प्ले पैन्स, हाई चेयर्स, कोट्स, पुशचेयर्स और चेंजिंग मैट्स अपनी जगह पर होनी चाहिए।
फूड
अधिकतम दुर्घटनाएं उस समय होती हैं, जब बेबी पेट्स के फूड बाउल पर झपट्टा मारता है। इसलिए अपने कुत्ते को सिखायें कि वह अपने फूड बाउल की किस तरह सुरक्षा करे और कैसे शांत रहे। उसे यह भी सिखा दें कि वह फूड ट्रीट कैसे सहजता से ले और वह भी बिना बच्चे के जिस्म पर झपट्टा मारे।
कम ध्यान दें
नया बच्चा आपका ज्यादातर समय ले लेगा। इसलिए बेबी के आने से पहले आप कुत्ते पर कम ध्यान देना शुरू कर दें। मसलन, अगर आप कुत्ते के साथ 30 मिनट तक खेल रहे हैं तो फिर अगले 30 मिनट उससे शाब्दिक स्पर्श या आंख का संपर्क न रखें। ऐसी घटनाएं हुई हैं जिनमें पेरेंट्स ने शिकायत की है कि ईर्ष्या या कम ध्यान देने के कारण कुत्तों ने बेबी के नेपीज और खिलौने चुरा या छिपा दिए हैं।
अनुशासन
बेबी के आगमन से पहले कुत्ते को अनुशासित करने के लिए उसे कहना मानना सिखाएँ, जैसे- आपकी आवाज पर वह बैठना, आना और रुकना सीख ले। अगर आपका कुत्ता पहले से ही यह जानता है तो इस शिक्षा की आवश्यकता नहीं है।
खिलौने : मेरे/तुम्हारे?
कुत्ते और बच्चे के खिलौने बनाने के लिए एक-सा ही पदार्थ इस्तेमाल किया जाता है। इससे यह उलझन हो जाती है कि खिलौना किसका है? इस उलझन से बचने के लिए अपने कुत्ते के खिलौनों को सीमित कर दें। बाकी को उठा लें और खेल खत्म होने के बाद उन्हें उसकी पहुंच से दूर रख दें। इससे कुत्ता यह सीख जायेगा कि खिलौनों के मालिक आप हैं। जब भी कुत्ता अपना खिलौना आपके लिए छोड़ दे तो उसे ईनाम में टॉफी या बिस्किट दें।
मिथ
यह मिथ है कि अगर कुत्ता अपनी दुम हिला रहा है तो वह आपको काटेगा नहीं। हिलती दुम की व्याख्या बाकी बॉडी लैंग्वेज के संदर्भ में होनी चाहिए। कभी-कभी जब व्यक्ति मुस्कुराता है तो उसका अर्थ दर्द या घबराहट भी हो सकती है। कैफी आजमी का शेर आपको याद होगा-
तुम जो इतना मुस्कुरा रहे हो
क्या ग़म है जिसको छिपा रहे हो
इसी तरह हिलती दुम का हमेशा यह अर्थ नहीं होता कि आपका कुत्ता प्रसन्न है। इसलिए हिलती दुम का अगर स्पष्ट अर्थ न निकाल पा रहे हों तो कम से कम अपने बच्चे को अपने कुत्ते से दूर रखें।
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