आदमी जब – नित्यानन्द गायेन

आदमी जब तक आदमी रहता है

तब तक सब कुछ ठीक रहता है

आदमी जब आम आदमी बन जाता है

दुनिया की सारी समस्याओं से घिर जाता है

या फिर

किसी भीड़ भरे बाज़ार में एक दिन

किसी बम विस्फोट में मारा जाता है

 

जिस दिन वह गरीब हो जाता है

शोषण के करीब और न्याय से दूर हो जाता है

जब वह राजनेता हो जाता है, तो

धूर्त, भ्रष्ट और निरंकुश हो जाता है

 

जब शोषित होता है

तब आतंकवादी बन जाता है

 

दया, माया, करुणा और मानवीयता से दूर हो जाता है

आदमी जब कुछ नहीं रह जाता है

अपराधी बन जाता है

जब आलसी हो जाता है

तो आरक्षण के लिए रोता है

आदमी जब इन्सान बन जाता है

तब वह आदर्श बन जाता है

You must be logged in to post a comment Login