रंग-बिरंगे पंखों वाली तितली – डॉ मदनलाल वर्मा

रंग-बिरंगे पंखों वाली,

कितनी सुंदर प्यारी तितली।

उपवन के जीवन में इसने,

कई बहारें देखी हैं।

सांसों की मीठी धड़कन में,

कई फुहारें देखी हैं।

फूलों पर उड़ती

रहती है,

सबसे लगती न्यारी तितली।

रंग-बिरंगे

पंखों वाली,

कितनी सुंदर प्यारी तितली।

मौसम की मस्ती में बहकर,

इसने रंग दिखाए हैं।

सुंदर सपनों की दुनिया में,

इसने दिवस बिताए हैं।

हॅंस-हॅंस जीना सीखा इसने,

सबकी यह मतवारी तितली।

काले भंवरे गुनगुन करते,

इसने सीखा चुप-चुप रहना।

कांटे हों या कलियॉं हों,

इसने सीखा पल-पल खिलना।

उषा की लाली में आई,

करती दूर खुमारी तितली।

रंग-बिरंगे पंखों वाली,

कितनी सुंदर प्यारी तितली।।

You must be logged in to post a comment Login