मॉं को सलाम

कितना कोमल और

सुखद अहसास है मॉं,
दिल के कितने आसपास है मॉं,
नख से शिख तक ममता

की मूरत है मॉं,
लोरी गाकर

प्यार से

सुलाने वाली है मॉं,
चोट लगे मुझको तो रोती है मॉं,
पुकारने पर भागी

चली आती है मॉं,
सब काम करने को तत्पर रहती है मॉं,
आलस का तो नाम नहीं लेती है मॉं,
सुबह जल्दी उठकर सबको उठाती है मॉं, काम में फिर अपने लग जाती

है मॉं,

मॉं की महिमा है न्यारी,

मॉं तो लगे दुनिया

से प्यारी, हम अपना सौभाग्य समझते हैं मॉं,
पैदा हुए तुझसे, सलाम करते हैं मॉं।।

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