जादू मेहनत का – सीताराम गुप्ता

भव्य भवन हैं ऊँचे-ऊँचे,

लंबी सड़कें, बाग-बगीचे।

टेलीविजन, कार, कंप्यूटर,

मॉल, हाट, मेले, अप्पूघर।

रॉकेट, रोबोट या मोबाइल,

अणु-बिजलीघर, तारामंडल।

चमत्कार वैज्ञानिक सारे,

कितने अचरज भरे नजारे।

यह सारा जादू है किसका,

सिर्फ आदमी की मेहनत का।

बुद्धि हमारी है जादूगर,

हाथ हमारे ही कारीगर।

मन से सोचो, बुद्धि लगाओ,

दो हाथों से सब कुछ पाओ।

कभी न अपना समय गंवाओ,

मेहनत कर आगे बढ़ जाओ।

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