हाईस्ट्रीट, शॉपिंग सेंटर्स, पब्स, कार पार्किंग से लेकर जिंदगी के हर मुकाम तक तॉंकझॉंक करने के बाद अब क्लोज सर्किट टीवी ने घरों में अपना दस्तक देना आरंभ कर दिया है। हालात यहॉं तक आ पहुँचे हैं कि आधुनिक घरों में डोर बेल और मैजिक आई की तरह सीसीटीवी भी ज़रूरी हो गए हैं।
अब के. पॉवेल का घर ही लीजिए। बार-बार उसके घर का शीशा तोड़ दिया जाता था। अपने दरवाजे के सामने बिखेरे जाने वाले कचरे से भी वह बेहद परेशान थी। आखिरकार उसने 1000 पौंड खर्च कर तकनीकी विशेषज्ञ की मदद से ऐसी सीसीटीवी प्रणाली लगाई, जिसका कैमरा न केवल प्रॉपर्टी पर निगरानी रखता था, बल्कि सीधे हार्ड ड्राइव पर रिकॉर्डिंग भी करता था। उसकी मदद से उसने न केवल शरारती तत्वों को पकड़वा दिया बल्कि अच्छा-खासा मुआवजा भी वसूल किया।
अभी तक लोग घर की सुरक्षा के लिए घरों में स्पाई कैमरा, बर्गलर अलार्म, आउटडोर लाइट्स और पैनिक बटनों का उपयोग करते आ रहे थे। लेकिन सीसीटीवी ने घटना को देखने के अलावा उसे रिकॉर्ड कर साक्ष्य के रूप में इस्तेमाल करने की सुविधा भी प्रदान कर दी है।
सीसीटीवी की घरों में बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए घरेलू सामान बेचने वाले स्टोरों में परंपरागत सामानों के साथ सीसीटीवी प्रणालियों के बक्से भी सजे दिखाई देने लगे हैं। इनकी कीमतें 30 पौंड वाले ब्लैक एंड व्हाइट उपकरण से आरंभ होती हैं। अब अपने दरवाजों पर कैमरा लगाने के लिए किसी को सेलिब्रिटी, करोड़पति, व्यापारी या नेता होने की आवश्यकता नहीं है। 10 प्रतिशत तक खरीदार घरेलू प्रकृति के होते हैं। सीसीटीवी की आवश्यकता इस बात पर निर्भर नहीं करती है कि आपके बैंक खातों में कितनी रकम जमा है, बल्कि यह इस बात पर निर्भर करती है कि आप कितने असुरक्षित हैं या आपको सुरक्षा की कितनी आवश्यकता है।
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