भोजपुरी के लोकप्रिय गायक और सुपर स्टार माने-जाने वाले अभिनेता मनोज तिवारी आज न केवल भोजपुरी सिनेमा के बिग-बी माने जाते हैं बल्कि अब अपने प्रतिद्वंद्वी माने-जाने वाले रवि किशन की तरह ही वे टीवी पर एंकरिंग करने के लिए मैदान में भी उतर आए हैं। पहली बार वे नाइन एक्स के बच्चों के शो चक दे बच्चे में अभिनेत्री रोशनी चोपड़ा के साथ अपनी एंकर वाली नयी भूमिका में हैं।
तो क्या अब रवि किशन को टक्कर देने का सीधा इरादा है?
(हंसते हैं) अरे नहीं जी। हम ने और रवि ने तो कई फिल्मों में साथ काम भी किया है।
लेकिन आप कुछ मामलों में तो उनसे आगे निकल ही गए ना। हॉलेंड में आप पर टिकट जारी किया गया है?
(हंसते हैं) यह भोजपुरी सिनेमा के ग्लोबल होने की सूचना सरीखा है। दुनिया ने मान लिया है कि हमारा भोजपुरी सिनेमा अब क्षेत्रीय सिनेमा नहीं रहा है। यह मेरा नहीं पूरे भारतीय सिनेमा का सम्मान है। इससे मुझे बेहतर काम करने की प्रेरणा मिलती है। हॉलैंड में यूपी और बिहार के काफी ऐसे लोग हैं, जो अंग्रेजों के जमाने में वहॉं गए थे और आज उनकी नयी पीढ़ी भारतीयों के बारे में सोचती है।
सुना है रोशनी चोपड़ा आजकल आपसे नाराज हैं और शो के अलावा वे आपसे बात नहीं करतीं?
ऐसी तो कौनू बात नहीं जी। बस कभी-कभी मेरी उनकी तकरार हो जाती है। इसकी वजह है कि मैं एकदम देसी खांटी आदमी हूँ और कुछ भी बोल देता हूं, पर वे हैं प्रतिभाशाली अभिनेत्री। (हंसते हैं)
आज तक भोजपुरी की अभिनेत्रियों को यह दर्जा क्यों नहीं मिल पाया है?
(हंसते हैं) इसकी वजह है कि भोजपुरी में काम करने वाली नायिकाएं नहीं आ रही हैं। आज भी हम बॉलीवुड की हीरोइनों से काम चला रहे हैं। हमारे पारंपरिक परिवार अब भी लड़कियों को फिल्मों में आने की इजाजत नहीं दे रहे हैं, जबकि दक्षिण भारत और हिन्दी सिनेमा में ऐसा नहीं है। मजे की बात है कि वहॉं की नगमा और रंभा जैसी हीरोइनें भोजपुरी में काम कर रही हैं।
इस समय करीब दो सौ भोजपुरी फिल्में फ्लोर पर हैं। अब उदित नारायण और एकता कपूर जैसे बड़े नाम भी इससे जुड़ गए हैं?
यह करीब सौ करोड़ की इंडस्ट्री हो गई है। अब हम हिन्दी फिल्मों की तरह विदेशी लोकेशनों पर शूटिंग कर रहे हैं। करोड़ों की लागत से बनी हिन्दी फिल्में नहीं चल पा रही हैं, जबकि भोजपुरी की फिल्में बेहतर बिजनेस कर रही हैं। मुझे दुःख है कि अभी तक मल्टीप्लेक्स सिनेमा वाले इन्हें लेकर उत्साहित नहीं हैं। स्पाइडर मैन से यह शुरुआत भी हो गयी है। इसकी डबिंग पर ही तीन करोड़ रुपये खर्च हुए हैं तो इसकी वजह है कि लोग समझ रहे हैं कि भोजपुरी सिनेमा का विकास हो रहा है। मैंने खुद करीब पचास से ज्यादा फिल्में की हैं, जिनमें से करीब चालीस सुपर हिट रही हैं।
और आपके गीत, आप पहले गीतकार और गायक ही हैं?
(हंसते हैं) मैं जावेद अख्तर जैसा गीतकार नहीं हूँ साहब। हमरे भीतर वह कूवत नहीं। यह अलग बात है कि मैंने दो हज़ार से ज्यादा गीत गाये और उनमें से करीब बारह सौ भोजपुरी फिल्मों में लोकप्रिय हुए।
पर आपकी लोकप्रियता हिन्दी टीवी और सिनेमा में रवि जैसी नहीं?
वे पहले से हिन्दी के क्षेत्र में काम रहे हैं। मैंने भोजपुरी में उनके साथ ही नहीं बल्कि बिग-बी, हेमा जी और हाल ही में मिथुन जी के साथ काम किया है। यह शो भी मैंने इसलिए स्वीकार किया कि गजेंद्र को मैं पहले से जानता था। एक बार मैंने वैसे ही उनसे एक रिएल्टी शो की बात की थी। जब इस शो की योजना बनी तो उन्होंने एंकर की भूमिका मुझे सौंप दी, इससे मुझे हिन्दी दर्शकों के सामने आने का मौका मिल गया।
यानी अब लोग आपको पहचानने लगे हैं?
(हंसते हैं) शायद। मैं एक किस्सा सुनाता हूँ। मेरी फिल्म गंगोत्री के संगीत की लांचिंग थी जिसमें बच्चन जी अपनी बहू ऐश्र्वर्या के साथ आए थे। जब उन्होंने मुझे उनसे मिलवाया और पूछा कि वे मुझे जानती हैं तो मैं घबरा गया। लेकिन मैं हैरान रह गया जब वे बोलीं, “ऑफकोर्स। ये मनोज तिवारी हैं। भोजपुरी के सुपर स्टार।’
अब आपकी योजनाएं क्या हैं?
अभी हाल में ही मैंने अपनी एक फिल्म की शूटिंग पूरी की है और अपने दो एलबमों पर काम कर रहा हूँ।
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