कुछ नये ब्रांड

हीरो-छाप खिलौना

नाचता है, गाता है,

हॅंसता है

और रोता है,

आग और पानी का

इस पर कोई असर

नहीं होता है।

 

टीचर-छाप पेन

मजबूरी का नाम

महात्मा गांधी

इस सिद्धांत पर बनता है,

छः-छः महीने

बिना स्याही के भी

बिना रुके चलता है

–     घनश्याम अग्रवाल

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