गुनगुनी-सी हवा है बहूँ ना बहूँ
अजनबी वेदन है सहूँ ना सहूँ
मुस्कुराते हुए गीत और छन्द में
अनमनी सी व्यथा है कहूँ ना कहूँ?
जिन्दगी गुनगुनाई, कहो क्या करें?
चॉंदनी मुस्कुराई, कहो क्या करें?
मुद्दतों की तपस्या है पूरी हुई
आप बॉंहों में आईं, कहो क्या करें?
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