जीवन की महिमा जानें,
जलते हुए चिरागों से।
अभी वक्त है कर लो बच्चों,
सच्चा प्रेम किताबों से।
अच्छी-अच्छी किताबों में,
जीवन की सच्चाई है।
ज्ञान का विस्तार लिये,
अनुभवों की गहराई है।
भीनी खुशबू लेकर आती,
नंदन वन के बागों से।
अभी वक्त है कर लो बच्चों,
सच्चा प्रेम किताबों से…।
छोटी-सी पुस्तक में समाया,
इतना बड़ा संसार है।
विविध रंगी दुनिया से,
होता साक्षात्कार है।
जाने कहॉं-कहॉं ले जाती,
लगा पंख सुरखाबों के।
अभी वक्त है कर लो बच्चों,
सच्चा प्रेम किताबों से….।
अगर किताबें नहीं पढ़ोगे,
फिर कैसे तुम बड़े बनोगे।
ज्ञान चक्षु जब तक ना खुलें,
कैसे ऊँची डगर चढ़ोगे।
सहज सरल बनना सीखोगे,
बचकर व्यर्थ विवादों से।
अभी वक्त है कर लो बच्चों,
सच्चा प्रेम किताबों से….।
मोती जैसी आब लिये,
तोहफा बड़ा नायाब ये।
अपने चाहने वालों को,
बना देती नवाब हैं ये।
सच्ची मार्गदर्शक बनकर,
सिखाती जूझना कांटों से।
अभी वक्त है कर लो बच्चों,
सच्चा प्रेम किताबों से।
– आशा खत्री “लता’
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