समय की कीमत

टन-टन, टन-टन बजी घंटी।

बस्ता लेकर भागा बंटी।।

मम्मी चिल्लाई कर लो नाश्ता।

उसने नापा स्कूल का रास्ता।।

भूला गणित की कापी-किताब।

गुस्सा हो गए मास्टर साहब।।

माफी मांग कर जब जान छुड़ाई।

समय की कीमत तब समझ आईर्।।

– डॉ. अनिल सवेरा

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