आइजक न्यूटन दुनिया के सर्वकालिक महान वैज्ञानिकों में से एक हैं। हालांकि वह खासतौर पर अपने गति एवं गुरुत्वाकर्षण से संबंधित सार्वभौमिक नियमों के लिए जाने जाते हैं। मगर हकीकत यह है कि उनके चलते समूचा भौतिक विज्ञान उनके पहले और उनके बाद, इन दो हिस्सों में विभाजित है। न्यूटन आधुनिक भौतिकी के जन्मदाता हैं। न्यूटन के साथ ही हम भौतिकी के यांत्रिक युग में प्रवेश करते हैं। आइजक न्यूटन भौतिक विज्ञान के उस मोड़ पर खड़े हैं, जहां से पीछे सब कुछ अनुमान पर आधारित है और आगे सब कुछ मापा जा सकता है।
प्राचीन कैलेंडर के मुताबिक, न्यूटन का जन्म 25 दिसंबर, सन् 1642 को ब्रिटेन के एक छोटे से कस्बे वूल्स थोर्प में हुआ था जो लिंकनशायर में पड़ता है। उनके किसान पिता न्यूटन की मृत्यु उनके जन्म से कुछ दिनों पहले ही हो गयी थी। जब वह अभी तीन वर्ष के ही थे कि उनकी मां हैन्ना ने दूसरी शादी कर ली। इस वजह से उनका लालन-पालन उनकी दादी ने किया। छोटे से देसी स्कूल की प्रारंभिक शिक्षा के बाद न्यूटन 12 वर्ष की उम्र में नजदीक के शहर ग्रंथम के किंग्स स्कूल भेजे गये। शुरू में न्यूटन बेहद नाकारा छात्रों में से थे। खिलौनों को नया रूप देने, पतंग बनाने और पेंट करने जैसे कामों में वह इस कदर मशगूल रहा करते थे कि उन्हें स्कूल के कामों की कोई परवाह ही नहीं होती थी। वह अन्तर्मुखी थे। शांत और हमेशा अपने फंतासीपूर्ण सपनों में खोए रहने वाले न्यूटन का स्कूली दिनों में कोई दोस्त नहीं था। वह पढ़ाई के मामले में अपनी कक्षा के सबसे कमज़ोर छात्र थे। लेकिन तभी कक्षा के एक शरारती छात्र ने उनके स्वाभिमान को चुनौती दे दी। इस चुनौती ने मानो उनके सोए हुए दिमाग को जगा दिया और देखते ही देखते न्यूटन अपनी कक्षा के सर्वश्रेष्ठ छात्र बन गये।
ताउम्र अविवाहित रहने वाले न्यूटन ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज से स्नातक की उपाधि सन् 1665 में हासिल की। गैलीलियो को अपना प्रेरणास्रोत मानने वाले न्यूटन ने प्रकृति के अमूर्त नियमों को तर्क और सूत्रवत सिद्धांतों से लैस किया। एक तरह से उन्होंने प्राचीन भौतिक विज्ञान की त्रुटियों को सुधारा। न्यूटन द्वारा की गयी खोजों की एक लम्बी सूची है। गति, गुरुत्वाकर्षण और प्रकाश संबंधित सिद्धांत की अपनी महान खोजों के साथ ही न्यूटन ने गणित में भी मील के पत्थर कायम किए हैं। यह न्यूटन ही थे जिन्होंने अवकलन गणित की खोज की। बीजगणित में प्रयुक्त होने वाले सिद्धांत “द्विपद प्रमेय’ को सूत्रबद्ध करने का काम भी न्यूटन ने ही किया। शीशे को घिसकर पहली बार लेंसों का निर्माण न्यूटन ने ही किया था। लेकिन उनकी जिन दो खोजों ने विज्ञान और मानव विकास में आमूलचूल परिवर्तन कर दिया, वह हैं उनके गति एवं गुरुत्वाकर्षण संबंधित सिद्धांत और प्रकाश संबंधी नियम। रंगहीन दिखने वाला प्रकाश “सात प्राकृतिक रंगों का समन्वय है,’ इस महत्वपूर्ण तथ्य की खोज न्यूटन ने ही की थी। यही नहीं, प्रकाश में मौजूद रंगों को दिखाने के लिए न्यूटन ने “प्रिज्म’ का आविष्कार भी किया था।
सन् 1705 में इंग्लैंड की महारानी ऐन द्वारा “सर’ की उपाधि प्राप्त करने वाले पहले वैज्ञानिक सर आइजक न्यूटन ने पेड़ से गिरते हुए सेब को देखकर न केवल “गुरुत्वाकर्षण के बल’ सिद्धांत की खोज की, अपितु यह भी पता लगा लिया कि किसी गिरते हुए सेब की गति, पृथ्वी से उसकी दूरी के अनुसार होती है। गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत में काल और गति की यही पहचान बाद में आइंस्टीन के “रिलेटीविटी’ यानी “सापेक्षता’ के सिद्धांत का आधार बना। न्यूटन ने 6 इंच लम्बी एक दूरबीन का भी आविष्कार किया और इससे उन्होंने शुक्र ग्रह (वीनस) को देखने में सफलता भी हासिल की थी। 20 मार्च, सन् 1727 को जब लंदन में न्यूटन की मृत्यु हुई, तो उन्हें वेस्टमिंस्टर एबे में दफनाया गया, जहां ब्रिटेन की तमाम महान शख्सियतें दफन हैं।
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