अमृत है मट्ठा

मट्ठा (छांछ) धरती का अमृत है। यह शरीर की बीमारियों को दूर भगाता है। बाजार में बिकने वाले महंगे शीतल पेयों से छांछ लाख गुना अच्छी होती है। इसके कई फायदे हैं। मट्ठे का प्रयोग कई तरह से किया जा सकता है –

  • हिचकी लगने पर मट्ठे में एक चम्मच सौंठ डालकर सेवन करें।
  • उल्टी होने पर मट्ठे के साथ जायफल घिसकर चाटें।
  • गर्मी के दिनों में प्रतिदिन पतले मट्ठे में भूना हुआ जीरा मिलाकर पीने से राहत मिलती है।
  • मट्ठे में आटा मिला कर इस लेप को चेहरे पर लगाने से झुर्रियां कम पड़ती हैं।
  • मुहांसे होने पर गुलाब की जड़ को मट्ठे में पीस कर मुंह पर लगाना चाहिए।
  • पैर की एड़ियों के फटने पर मट्ठे का ताजा मक्खन लगाने से आराम मिलता है।
  • सिर के बाल झड़ने पर बासी छांछ से सप्ताह में दो दिन बाल धोने चाहिए।
  • मोटापा अधिक होने पर छांछ को छौंक कर सेंधा नमक डालकर पीना चाहिए।
  • सुबह-शाम मट्ठा या दही की पतली लस्सी पीने से स्मरण शक्ति तेज होती है।
  • उच्च रक्तचाप होने पर गिलोय का चूर्ण मट्ठे के साथ लेना चाहिए।
  • अत्यधिक मानसिक तनाव होने पर छांछ का सेवन लाभकारी होता है।
  • जले हुए स्थान पर तुरंत छांछ या मट्ठा मलना चाहिए।

विषैले जीव-जंतुओं के काटने पर मट्ठे में तम्बाकू मिलाकर लगाना चाहिए। जहर खा लेने पर बार-बार फीका मट्ठा पिलाना चाहिए।

  • अमलताश के पत्तों को छांछ में पीस कर शरीर पर मलें। कुछ देर बाद स्नान करें। किसी भी तरह की खुजली हो तो वह नष्ट हो जाती है।

– शुभा नीमा

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