“गायक न होता तो बड़ा होकर क्रिकेटर बनना पसंद करता।’ यह शब्द हैं बाल कलाकार मास्टर श्रवण सुरेश के। 12 वर्षीय इस नन्हें कलाकार ने ए आर रहमान, विशाल शेखर, समीर, प्रीतम जैसे जाने-माने संगीतकारों के निर्देशन में कई गीत गाये हैं। श्रवण ने छोटी-सी आयु में केवल हिंदी में ही नहीं अपितु तमिल-तेलुगू और मराठी भाषाओं में भी गीत गाये हैं।
श्रवण ने एक भेंट में बताया कि वह मुंबई के लीलावतीबाई पोदार हाई स्कूल में सातवीं कक्षा में पढ़ता है और उसने सात साल की आयु से संगीत में रुचि लेनी शुरू कर दी थी। वह हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की शिक्षा लोकप्रिय गायक सुरेश वाडेकर की संगीत संस्था आचार्य जीयालाल वासंत संगीत निकेतन से ले रहा है।
श्रवण की अनेक उपलब्धियां हैं लेकिन घटोत्कच और हनुमान एनिमेशन फिल्मों में उसके गीतों ने खूब धूम मचायी है। इसके अतिरिक्त भूतनाथ, माई फ्रेंड गणेशा, तारे जमीं पर, परिणिता आदि अनेक फिल्मों में गाये गीतों ने उसे संगीतकारों का चहेता बना दिया है। उसने संगीतकार शंकर महादेवन के साथ सोनी चैनल पर “यह शाम मस्तानी’ कार्याम पेश किया जिसे लोगों ने बहुत पसंद किया। अभिनेता अनुपम खेर के जी टीवी पर प्रस्तुत कार्याम “कुछ खट्टी कुछ मीट्ठी’ में भी श्रवण ने अपनी मधुर आवा़ज दी। श्रवण ने अंग्रेजी, हिन्दी तथा अन्य भाषाओं में विज्ञापन फिल्मों के लिए भी गीत गाये हैं।
श्रवण ने बताया कि जब उसके मित्र उसके गाने सुनते हैं और आकर तारीफ करते हैं तो उसे बहुत अच्छा लगता है। वैसे उसे साइंस विषय पढ़ना तथा डाइंग-पेंटिंग करना भी बहुत भाता है। यह पूछने पर कि गीतों की रिकार्डिंग में व्यस्त रहने के बावजूद वह अपनी पढ़ाई कैसे कर पाता है? उसने कहा कि स्कूल के प्रिंसिपल, शिक्षक और उसके मित्र उसे पूरा सहयोग देते हैं।
दिसम्बर, 2006 की नव वर्ष संध्या पर दूरदर्शन के राष्टीय चैनल पर प्रसारित श्रवण का “लाइव’ कार्याम संगीत प्रेमी आज भी याद करते हैं। वह कामयाबी की सीढ़ियां धीरे-धीरे चढ़ना चाहता है और पढ़ाई में पीछे नहीं रहना चाहता।
– श्रवण
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