शादी के समय सात फेरों के सात वचन निभाने की बात करने की पुरानी परंपरा है। यह बात अलग है कि ज्यादातर लोग वचनों को निभाना तो दूर इन्हें याद भी नहीं रख पाते। लेकिन सोनी चैनल पर एक ऐसा धारावाहिक प्रसारित हो रहा है, जिसमें दुल्हा शादी के समय सात वचनों से अलग एक आठवां वचन भी लेता है। यूँ किसी भी दुल्हन के लिए ये सात वचन ही सबसे ज्यादा अहम हैं, मगर इस धारावाहिक की कहानी की दुल्हन के लिए बाकी सारे सात वचन इतने अहमियत नहीं रखते जितना यह आठवां वचन रखता है। वह शादी करने के लिए भी तभी तैयार होती है जब दुल्हा यह आठवां वचन निभाने का प्रण लेता है।
सोनी चैनल की इन दिनों हालत काफी पतली है क्योंकि उसके ज्यादातर धारावाहिक कोई धमाल नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में सोनी के “आठवां वचन’ नाम के इस धारावाहिक की कहानी लीक से हट कर है।
यह कहानी एक ऐसी लड़की उर्मि की है जो 18 साल की हो चुकी है लेकिन उसका दिमाग आठ साल की बच्ची सा है। उर्मि की यह समस्या उसके माता-पिता के लिए चिंता का कारण तो है ही साथ ही वह अपनी इस समस्या के कारण अपने माता-पिता भाई और भाभी के लिए बोझ सी बन गई है, लेकिन उर्मि की बहन मनाली उस पर जान छिड़कती है। अपने पूरे परिवार से अलग हटकर मनाली अपनी बहन के लिए अपना सभी कुछ देने को तैयार है। अपनी इसी भावना के कारण मनाली न तो अपना कॅरियर बनाती है और न ही शादी करना चाहती है। पर एक दिन आदेश नाम का एक युवक मनाली को इस शर्त पर शादी करने के लिए तैयार कर लेता है कि शादी के बाद उर्मि का वह भी पूरा ख्याल रखेगा। आदेश मनाली के साथ शादी के समय एक आठवां वचन लेते हुए कहता है- “आज शादी के सात फेरे लेने से पहले मैं यह प्रतिज्ञा करता हूँ कि मैं उम्र भर उर्मि की देखभाल करूंगा और उस पर कोई आँच नहीं आने दूंगा। इसके बाद मनाली आदेश से शादी कर लेती है और उर्मि मनाली के साथ ही उसकी ससुराल आ जाती है।
आदेश के इस फैसले से उसके घर वाले हैरान हो जाते हैं, लेकिन आदेश अपना वचन निभाता रहता है। हालांकि उर्मि की मानसिक स्थिति के कारण नित नए हालात पैदा होते रहते हैं जो कभी हंसाते हैं तो कभी रुलाते भी हैं। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर है। अचानक एक ऐसी घटना घटती है कि कहानी में जबरदस्त मोड़ आ जाता है। मनाली की मौत हो जाती है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आदेश क्या अब भी अपने उस वचन को निभाएगा जो उसने मनाली के साथ शादी के समय लिया था और उर्मि की देखभाल करता रहेगा या मनाली के जाते ही अपने उस वनच को भूल जाएगा!
You must be logged in to post a comment Login