“प्रोटीन’ हमारे भोजन का बहुत जरूरी अंग है। यह एक ऐसा तत्व है, जो हमारी हड्डियों, मांसपेशियों, त्वचा तथा कुछ अन्य अंगों की रक्षा करता है। उचित मात्रा में सेवन किया गया प्रोटीन इन अंगों को न सिर्फ रक्षा व स्वस्थता प्रदान करता है बल्कि इन्हें निर्मित भी करता है।
- प जानकर चकित होंगे कि हमारे मानव शरीर को 23 प्रकार के प्रोटीन के घटक अमीनों चाहिए।
- हम जो भोजन खाते हैं, उनमें से मात्र 8 प्रकार के अमीनों पा सकते हैं।
- शेष 15 अमीनों का निर्माण शरीर अपने आप करता है।
- आश्र्चर्य की बात यह है कि हमारे भोजन में विद्यमान प्रोटीन के ये घटक अमीनों अम्लों में स्वयं बदल जाते हैं।
- प्रोटीन शरीर को आवश्यक मात्रा मिलता रहे, इसके लिए हमें दूध, अण्डा, गेहूं, मक्का, चावल, दालें, मांस, ज्वार, बाजरा आदि का सेवन करना चाहिए। मूंगफली, बादाम भी खाने चाहिए।
- हमें मांस से 26 प्रतिशत, अण्डे से 28 प्रतिशत, बादाम से 17 प्रतिशत, मूंगफली से 28 प्रतिशत तथा दालों से 19 प्रतिशत प्रोटीन प्राप्त होता है।
- बच्चों को उनके शारीरिक वजन का 2 ग्राम प्रति किलो तथा बड़ों को उनके वजन का एक ग्राम प्रति किलो प्रोटीन कम से कम लेना चाहिए। मान लो, बच्चे का वजन पांच किलो है तो उसे प्रतिदिन कम से कम 10 ग्राम प्रोटीन अवश्य खिलाएं। यदि किसी बड़े का वजन 50 किलोग्राम हो तो उसे कम से कम 50 ग्राम प्रोटीन प्रतिदिन मिलना ही चाहिए।
- हमारे शरीर में असंख्य कोष्ठ होते हैं। ये सब प्रोटीन से बने होते हैं।
- प्रोटीन्स शरीर के तन्तुओं का निर्माण करते हैं। इतना ही नहीं, वे नष्ट हो गए भागों की मरम्मत भी करते हैं।
- प्रोटीन जैली जैसे या घुले हुए गोंद जैसे होते हैं।
- प्रोटीन्स में जो नाइटोजन नामक तत्व होता है, वह मृत या मृतप्राय कोषों की मरम्मत तथा निर्माण करता है।
- एनिमल प्रोटीन्स पशुओं से प्राप्त होते हैं जैसे- दूध, अण्डा, मांस आदि।
- वानस्पतिक प्रोटीन्स दालों, अनाजों व शाक-सब्जियों से प्राप्त होते हैं जैसे- जौ, बाजरा, गेहूं, चना, मक्का, सूखे मेवे व दालें। एनिमल प्रोटीन्स इसलिए अधिक उत्तम होते हैं, क्योंकि ये शरीर की धातुओं के साथ आसानी से मिल जाते हैं।
-सुदर्शन भाटिया
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