पूंजी बाजार नियामक सेबी ने तीन कंपनियों -मातृभूमि प्रोजैक्ट्स, जुगांतर रीयल्टी और वारिस फाइनेंस एण्ड इनवेस्टमेंट – तथा उनके निदेशकों को निवेशकों से प्रतिभूति जारी कर धन जुटाने से रोक लगा दी है। सार्वजनिक निर्गम नियमों के कथित उल्लंघन की वजह से यह रोक लगाई गई है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड :सेबी: ने यह कदम इन कंपनियों के खिलाफ निवेशकों की शिकायत मिलने के बाद उठाया है। निवेशकों की शिकायत है कि गैर-परिवर्तनीय सुरक्षित विमोचनीय डिबेंचर :एनसीडी: के एवज में उन्हें राशि का भुगतान नहीं किया गया।
सेबी ने जांच में पाया कि मातृभूमि प्राजैक्ट्स ने 2012-13 में गैर-परिवर्तनीय डिबैंचर के जरिये चार करोड़ रपये जुआये। इसी प्रकार जुगांतर रीयल्टी ने 2010-11 में 13.28 करोड़ और वारिस फाइनेंस ने 2011-12 में 5.12 करोड़ रपये जुटाये। हालांकि, इस मामले में आवंटियों की संख्या के बारे में जानकारी नहीं है।
सेबी ने कहा है कि इन कंपनियों ने इस तरह की गतिविधियों के जरिये विभिन्न नियमों का उल्लंघन किया है।
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