हिन्दी भाषा पर एक ऩजर

किसी देश की पहचान उसकी संस्कृति, सभ्यता, भाषा तथा सामाजिक विशेषताओं के कारण होती है। हिन्दी हमारी राष्टभाषा है। यह उत्तर-प्रदेश, उत्तरांचल, बिहार, झारखंड, दिल्ली, राजस्थान, मध्य-प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा तथा हिमाचल प्रदेश की मुख्य साहित्यिक भाषा है। सामान्यतः यह आज पूरे भारत में समझी व बोली जाती है। भारतीय संविधान की धारा 343 (1) के अंतर्गत इसे देश की राजभाषा भी घोषित किया गया है।

भाषा-वैज्ञानिकों का मत है कि “हिन्दी’ शब्द की उत्पत्ति “हिन्द’ शब्द से हुई है, जिसका उल्लेख ईरानियों की प्राचीन पुस्तक “आवेस्ता’ में भी पाया जाता है। इस शब्द के अर्थ का कई रूपों में विकास हुआ है। एक तो व्यापक अर्थ था। इस रूप का भारत में बसने से पहले मुसलमान व्यापक अर्थ में प्रयोग करते थे। जब उनका परिचय भारत की प्राचीन तथा आधुनिक भाषाओं से हुआ, तो मध्य-प्रदेश अथवा पूर्वी पंजाब, उत्तर-प्रदेश, बिहार के कुछ भाग और राजस्थान की बोली के अर्थ में हिन्दी शब्द प्रयुक्त होता रहा। यद्यपि राजस्थानी (मेवाड़ी, जयपुरी, मेवाती, हाड़ौती), पहाड़ी (नेपाली, कुमाऊँनी, गढ़वाली) तथा बिहारी (मैथिली, मगही, भोजपुरी) भी हिन्दी की तीन उपभाषाएँ मानी जाती हैं। परंतु मुसलमानों ने इन सबका प्रयोग नहीं किया। उन्होंने दिल्ली और मेरठ की बोली “आधुनिक खड़ी बोली’ को ही अपनाया। इसलिए हिन्दी का उनके द्वारा इस विशेष अर्थ में प्रयोग किया गया। 19वीं शताब्दी में “हिन्दुस्तानी’ शब्द का भी हिन्दी के इसी रूप के लिए प्रयोग होता था।

यद्यपि आधुनिक हिन्दी का मूल आधार खड़ी बोली है, परंतु इसे पंजाबी, राजस्थानी और सबसे अधिक ब्रज व अवधी ने परिपुष्ट किया है।

जनसंख्या की दृष्टि से विश्र्व की सर्वाधिक प्रचलित भाषा अंग्रेजी ही मानी जाती है। उसके बाद “चीनी’ और “हिन्दी’ का ाम आता है। हिन्दी देवनागरी लिपि में लिखी जाती है। यह एक वैज्ञानिक लिपि है। इसका विकास ब्राह्मी लिपि से हुआ है।

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