शहद की चींटियां, जिन्हें “मधु चींटियां’ कहा जाता है, प्रायः आीका, ऑस्टेलिया, अमेरिका तथा न्यूगिनी में पाई जाती हैं। विश्र्वभर में पाई जाने वाली अन्य चींटियों की भांति ही मधु चींटियों में भी रानी चींटी अण्डे देती हैं और मजदूर चींटियां उन अण्डों को सेने का काम करती हैं और कीड़ों तथा कुछ विशेष प्रकार के पौंधों की कोंपलों से रस चूस-चूसकर आपात्काल के लिए इकट्ठा करती हैं। इस तरल पदार्थ (शहद) का भण्डारण स्थल भी बड़ा विचित्र होता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इसका भण्डारण ये अन्य किसी स्थान पर नहीं करतीं बल्कि कुछ विशेष प्रकार की चींटियों का पेट ही यह भण्डारण स्थल होता है। अपने पेट में रखी शहद की इन बूंदों से ही ये चींटियां अपना भोजन भी प्राप्त करती रहती हैं। जब इनका पेट शहद से भर जाता है तो यह सुनहरे पीले रंग का हो जाता है। आपातकाल के समय या बाहर भोजन की आपूर्ति में कमी आने पर ये चींटियां अपने पेट से शहद की एक-एक बूंद बाहर उगल देती हैं। इससे छत्ते की मजदूर चींटियां अपना पेट भरती हैं।
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विचित्र हैं शहद की चींटियॉं added by सम्पादक on
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