महानगरों में ही नहीं, बल्कि छोटे शहरों में स्थित शिक्षा संस्थानों में भी पढ़ाई के लिए हॉस्टलों में या किराये का मकान लेकर अपने जैसे दूसरे छात्रों के साथ रहना पड़ता है। यंग जेनरेशन के जीवन में यह दौर काफी कठिनाई भरा होता है। अपने घर से बाहर के माहौल में दूसरों के साथ रहना, उनके साथ एडजस्टमेंट करना, उनकी अच्छी-बुरी आदतों पर चुप्पी साध कर उनके साथ रहना एक किस्म की मजबूरी होती है।
रूममेट्स कैसे भी हो सकते हैं। शोर मचाने वाले, हमेशा चुप रहने वाले, कमरे को अस्त-व्यस्त रखने वाले, चिपकू या दूसरों पर निर्भर रहने वाले, और भी न जाने कितनी अलग तरह की आदतों वाले रूममेट्स से यंग जेनरेशन का सामना पड़ता है। कई स्टूडेंट्स का तो रूममेट्स के साथ रहने का अनुभव इतना कड़वा होता है कि वह बड़ी कठिनाइयों से अपना समय गुजारते हैं। कई रूममेट की खराब आदतों के कारण दूसरे रूममेट को एडजस्ट करने में काफी परेशानी होती है। आइए जानें, रूममेट्स के साथ किस-किस तरह की समस्याएं हो सकती हैं और उन समस्याओं पर काबू पाने के लिए हमें क्या-क्या उपाय करने चाहिए-
जो स्टूडेंट्स हॉस्टल्स में आवास की सुविधा पाने में असफल रहते हैं, उन्हें मजबूरन कॉलेज के आसपास ही अलग घर लेकर रहना पड़ता है। दिल्ली जैसे शहर में जहां पर एक कमरे का किराया एक स्टूडेंट्स को देना भारी होता है। उसे अपने साथ दूसरे स्टूडेंट्स को रखना मजबूरी होती है। यदि किसी का सामना ऐसे रूममेट्स से हो जाए, जो हर समय कमरे को अस्त-व्यस्त रखते हों तो ऐसे रूममेट हर समय एक समस्या बने रहते हैं। क्योंकि ऐसे लोग पूरे कमरे में खाना खाने के बाद जूठे बर्तनों को फैला देते हैं। उन्हें गंदे कपड़ों के ढेर लगाकर लंबे समय तक रखने की भी आदत होती है। इसमें यदि दूसरा रूममेट भी ऐसा हो, तो परेशानी नहीं होती। लेकिन व्यवस्थित व अनुशासित ढंग से रहने वाले रूममेट को ऐसे रूममेट्स के साथ काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इस तरह के रूममेट्स से निपटने के लिए थोड़ा कड़ा रूख आख्तयार करना होगा, क्योंकि ऐसे लोग थोड़ी सख्ती से ही सही रह सकते हैं। ऐसे रूममेट्स को साफ शब्दों में कह देना चाहिए कि आपको घर को गंदा रखने की छूट नहीं है। घर को साफ रखने के दौरान दोनों को मदद करनी होगी। अगर बार-बार की चेतावनी के बावजूद वह अपनी आदत से बाज नहीं आता तो उससे अलग होने के विषय में भी सोचा जा सकता है।
घर से बाहर रेस्टोरेंट में खाना खाने के बाद अपना बिल न अदा करना, अपने हिस्से के किराये व तमाम दूसरे खर्चों को देने में आनाकानी करना। इस तरह के रूममेट्स भी एक बड़ा सिर दर्द होते हैं। ऐसे रूममेट्स से निपटने के लिए उन्हें प्यार से पहले समझाने का प्रयास करें कि उनका अपने हिस्से का पैसा न देना, उनके दूसरे हाउसमेट्स के लिए कितनी बड़ी समस्या है, यदि वह अपनी आदत को नहीं सुधारता तो उससे किनारा कर लेने में ही बेहतरी है।
अक्सर स्टूडेंट्स को रूममेट्स के साथ जो सबसे बड़ी समस्या आती है, वह है एक-दूसरे के कपड़ों का इस्तेमाल करना। अपने मैले कपड़े यूं ही छोड़ देना और दूसरे की आलमारी से साफ-सुथरे कपड़े निकाल कर पहन लेना, रूममेट की यह आदत दूसरे रूममेट के लिए परेशानी का कारण बनती है। उसकी इस आदत से छुटकारा पाने के लिए सिंपल-सा रूल है कि अपनी आलमारी को पहले से लॉकअप कर दिया जाए। क्योंकि इससे उसे स्वयं ही शर्म आ जाएगी और यह उसके लिए मैसेज होगा कि दूसरा रूममेट अपनी पर्सनल चीजों में उसकी दखलअंदाजी को पसंद नहीं कर रहा। कुछ रूममेट्स को अपने रूममेट के कपड़े पहनने की आदत से ज्यादा परेशानी नहीं होती, यदि वह पहनकर यूं ही गंदे कपड़े छोड़ देते हैं तो दूसरा रूममेट प्यार से उसे बता सकता है कि एक बार धोकर दोबारा यथास्थान पर उसे रख दे।
कई बार एक रूममेट का पाला अपने ऐसे रूममेट से पड़ जाता है, जिसकी अपनी गर्लफ्रैंड/ब्वॉयफ्रैंड होती है। यह गर्लफ्रैंड/ब्वॉयफ्रैंड अक्सर कमरे में आते हैं। दो लोगों के भोजन में हिस्सेदारी करते हैं और रूम की दूसरी चीजों का बेखटके इस्तेमाल करते हैं। इससे दूसरे रूममेट को काफी परेशानी होती है। इसमें यदि दोनों रूममेट के बीच आपसी अंडरस्टैंडिंग हो तो कोई परेशानी नहीं होती। लेकिन एक रूममेट को रोज-रोज की इस तरह की बातें एक सीमा के बाद बर्दाश्त करनी मुश्किल हो जाती हैं। इसके लिए दूसरे रूममेट को यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि उसे अपने गर्लफ्रैंड/ब्वॉयफ्रैंड को अपने कमरे में बिना उसकी इजाजत के बुलाना उचित नहीं है। बुलाना हो तो इसके लिए मकान मालिक की इजाजत लेनी पड़ती है। अपने रूममेट से इस बात का खुलासा कर लेना चाहिए कि आपको रूममेट के गर्लफ्रैंड/ब्वॉयफ्रैंड के साथ स्थायी तौर पर एक मेहमान की तरह रहने में कोई आपत्ति तो नहीं है। स्थिति तब गंभीर होती है, जब एक रूममेट का साथी हर समय दिन हो या रात कमरे में बना रहता है और दूसरा रूममेट कुछ कह न पाने की स्थिति में लगातार कुढ़ता रहता है। इसलिए ऐसी स्थिति में दोनों के बीच बातचीत के माध्यम से एक अंडरस्टैंडिंग बनी हो, तो एक-दूसरे को इससे दिक्कत नहीं होती।
एक रूममेट की अनुपस्थिति में दूसरे रूममेट का अपने गर्लफ्रैंड/ब्वॉयफ्रैंड को रूम में आमंत्रित करना और स्वयं को सेक्स की गतिविधियों में संलग्न करना कई बार दूसरे रूममेट के लिए काफी परेशानी का विषय बन जाता है। इस विषय में भी दोनों रूममेट्स को समझदारी से काम लेना चाहिए। अपनी गर्लफ्रैंड/ब्वॉयफ्रैंड को कमरे में आमंत्रित करने वाले रूममेट से दूसरे स्टूडेंट को यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि वह उसकी अनुपस्थिति में कमरे में इस तरह की गलत चीजों को करने से अपने आपको रोके, क्योंकि इससे मकान मालिक को भी आपत्ति हो सकती है और दोनों को वहां से बाहर किया जा सकता है। इसके अलावा एक रूममेट को कड़े शब्दों में दूसरे साथी से कह देना चाहिए कि इस कमरे पर उसका भी पूरा अधिकार है। इसलिए उसकी उपस्थिति में अपनी गर्लफ्रैंड/ब्वॉयफ्रैंड को छूना, चूमना इस तरह की हरकतों से उसे बेहद परेशानी होती है। उन्हें चाहिए कि वह अपनी इन गतिविधियों की प्राइवेसी को बनाकर रखें। अपने सेक्स संबंधों को अपने तक ही सीमित रखें।
– माहिया
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